संवाददाता- आकाश निर्वाण यादव
सूर्या बुलेटिन (मेरठ) गाजियाबाद के लोनी की रहने वाली प्रिया शादीशुदा और एक बेटी की मां थी। उसे एक टेंपो ड्राइवर दिलशाद से प्यार हो गया और उसने उस दिलशाद के लिए अपने पति को छोड़कर अपनी बेटी को लेकर उसके साथ मेरठ के गांव भूूढ़बराल परतापुर एरिया में रहने चली गई और उसकी बाहरवाली बनकर रहने लगी।
दरअसल दिलशाद ने उसे अपना नाम अमित गुर्जर बताया था। दोनों में जल्दी आकर्षण हो गया।
जब दिलशाद का मन प्रिया से भर गया तब उसने प्रिया और उसकी बेटी का कत्ल करके उसकी लाश अपने घर में दफन करके और उसके ऊपर पक्का चबूतरा बना दिया।
क्योंकि प्रिया का पति भी उससे रिश्ता खत्म कर चुका था और प्रिया के माता-पिता भी अपनी बेटी से रिश्ता खत्म कर चुके थे इसलिए किसी ने ध्यान ही नहीं दिया कि प्रिया कहां हैं।
लेकिन प्रिया की एक सहेली से कभी-कभी बातचीत होती थी फिर भी उसकी सहेली जब प्रिया को फोन करती थी, तब दिलशाद उसे बहाना बनाता था कि वह घूमने गई है। फिर प्रिया की सहेली को शक हुआ उसने पुलिस में सारी बात बताई फिर पुलिस वालों ने जब दिलशाद को गिरफ्तार करके कड़ाई से पूछताछ की तब उसने बताया कि उसने मां और बेटी दोनों का कत्ल करके अपने घर में ही दफन कर के ऊपर फर्श बना दिया है।
और जब खुदाई की गई तब मां और बेटी का कंकाल मिला।