Breaking News
Pay Now
Home 25 100 बात की एक बात 25 100 बात की एक बात:गाजियाबाद पुलिस नाकाम

100 बात की एक बात:गाजियाबाद पुलिस नाकाम

Spread the love

एक विक्रम मिला नही,एक विक्रम बचा नही।

           दुखते हुए जख्मो पर हवा कौन करे,
           इस हाल में जीने की दुआ कौन करे,
          बीमार है जब खुद ही हकीमाने वतन,
          फिर तेरे मरीजो की दवा कौन करे।

किसी शायर का उपरोक्त शेर गाजियाबाद के बीमार प्रसाशनिक तंत्र पर बिल्कुल सटीक बैठता है। अपराध के मामले में देखा जाय तो पूरे सूबे में अपराधियो का मनोबल अचानक उभरता नजर आ रहा है,जिसको लेकर दूसरे जिले की पुलिस गंभीर भी नजर आरही है।ऐसे में देखा जाय तो गाजियाबाद पुलिस टोटल फेल के कगार पर खड़ी दिख रही है।पिछले 26 जून को राजनगर एक्सटेंशन से विक्रम त्यागी का उस समय अपहरण हो गया जब शहर में पुलिस आम जनता से कर्फ्यू का पालन कर रही थी,और उससे भी शर्म की बात ये की दूसरे जिले में गाड़ी बरामत तो हो गयी लेकिन विक्रम का कोई पता नही।16 जुलाई को दिन दहाड़े लोनी में मोनू गर्ग नामक व्यापारी को उसी की दुकान में गोली मार कर हत्या कर दी गयी और हद तो तब हो गयी जब देश के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले तथा आम जनता व गरीबो की आवाज को सरकार व सिस्टम तक पहुँचने वाले पत्रकार भी असुरक्षित हो गए।दैनिक समाचार पत्र के लिए काम करने वाले विक्रम जोशी को गुंडों ने उस वक्त घेर कर गोली मार दी जब वह अपनी दोनों बेटियों के साथ बाइक पर रास्ते मे थे,जबकि विक्रम ने दो दिन पहले ही अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस को लिखित सूचना दे रख्खी थी।घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए केवल चौकी इंचार्ज को सस्पेन्ड कर दिया।आनन फानन में अब तक 9 व्यक्तियों को जेल भेज दिया,असली हत्यारे कौन है?हत्या क्यो हुई?केवल इतना पता लगाना बाकी है।आप जानते ही है की एक महीने में अभी तो पहले विक्रम का ही पता नही चला तो इन सवालों का जबाब कैसा रहेगा।आप सोच सकते है।सौ बात की एक बात ये की चौकी इंचार्ज भी बाहल हो जाएगा,जेल में भेजे गये तथाकथित मुलजिम भी अपने घर आजायेंगे पर पुलिस की नाकामी से गयी विक्रम की जान कदापि वापस नही आएगी।यदि ये घटना किसी पुलिस वाले के साथ हुई होती तो क्या पुलिस का यही रवैया रहता?नही! जिले में आफत आगई होती, जेल जाने से पहले घुटनो में गोली मारी होती।खेर छोड़िए ये बात में आप के ऊपर छोड़ता हूँ कि आप क्या सोचते है।लेकिन में अपने सभी पत्रकार बन्धुओ से आग्रह करना चाहता हूँ, की विक्रम का बलिदान पर आप सबको अपनी चुप्पी छोड़नी होगी,क्योकि कल किसका नॉम्बर आजाये ये किसी को पता नही।इस लिए ये लड़ाई सबकी है और हम सबको इसे लड़ना होगा।शासन व प्रसाशन आप की सजक्ता के अनुसार ही निर्णय लेंगे।आखिर में सभी पत्रकार बन्धुओ से निवेदन है कि विक्रम के परिवार की हर सम्भव मदद व सहयोग करे।।

About admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*