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पार्षदों की अनुशासनहीनता और मेयर की धमकी से हंगामा, कार्यकारिणी चुनाव स्थगित

पार्टी ने कार्यकारिणी के लिए चार नाम तय किए, 8 ने कर दिया नामांकन
नाम वापस करवाने के लिए मेयर ने पार्षदों को दी चेतावनी
सूर्या बुलेटिन
गाजियाबाद।
गाजियाबाद नगर निगम सभागार शुक्रवार को भाजपा में अनुशासनहीनता का गवाह बना। सभागार ने देखा कि कैसे मेयर पार्षदों को उम्मीदवारी वापस लेने के लिए पार्टी से निष्कासित कराने के लिए धमका रही हैं, और पार्षद पीछे हटने को राजी नहीं है। दरअसल नगर निगम में कार्यकारिणी के छह पद रिक्त हैं। इन्हीं छह पदों पर चुनाव के ल‌िए नगर निगम बोर्ड शुक्रवार को बैठा था। भाजपा की ओर से एक दिन पहले यानि गुरुवार को ही चार पार्षदों की चुनाव के ल‌िए उम्मीवारी तय कर दी गई थी। पार्टी ने सोचा होगा कि बाकी दो पद दूसरे दलों के पार्षदों को मिल जाएंगे। लेकिन भाजपा के चार अन्य पार्षदों ने भी नामांकन दाखिल कर दिए। कुल मिलाकर 10 नामांकन हो गए। मेयर के प्रयास से शिप्रा सन सिटी से भाजपा पार्षद ने अपना नाम वापस ले लिया लेकिन बाकी कोई टस से मस नहीं हुआ। हारकर मेयर को कार्यकारिणी चुनाव कराए बिना ही सदन स्थगन की घोषणा करनी पड़ी। कार्यकारिणी का कोरम पूरा न होने के कारण हाऊस टैक्स के मुद्दे पर शनिवार को प्रस्तावित बोर्ड बैठक भी स्थगित करनी पड़ी।
मेयर ने दे दी पार्टी से निकालने की धमकी
भाजपा के घोषित चार प्रत्याशियों के बजाय पार्टी के कुल आठ पार्षदों के द्वारा निगम कार्यकारिणी के सदस्यों के द्वारा नामांकन भरने के चलते कार्यकारिणी चुनाव नहीं हो सका। माहौल उस वक्त गरम हो गया जब महापौर सुनीता दयाल के द्वारा भाजपा पार्षद नीलम भारद्वाज पर नाम वापसी के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया गया। खुली चेतावनी दे डाली कि ये अनुशासन हीनता है, जिन पार्षदों के द्वारा यह अनुशासन हीनता की गई है, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। इस बीच इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी से बीजेपी के पार्षद संजय सिंह से भी मेयर की नोकझोंक हुई। संजय सिंह का तर्क था कि कोटा सिस्टम समाप्त होना चाहिए। हालांकि महापौर का कहना था कि यदि किसी पार्षद को कोई आपत्ति है तो उसे संगठन एवं जनप्रतिनिधियों के सामने रखा जाए। यह सदन है। निगम मुख्यालय में निगम कार्यकारिणी के छह सदस्यों के लिए चुनाव रखा गया था।
चार पार्षदों ने जबरन किया नामांकन
भाजपा की ओर से नरेश भाटी, अमित मुदगल, पूनम सिंह एवं नीरज गोयल को प्रत्याशी घोषित किया गया था। माना जा रहा था कि इस दौरान दो गैर भाजपा के पार्षदों को मौका दिया जाएगा और सर्व सम्मति से छह सदस्यों के लिए चयन हो जाएगा, लेकिन बीजेपी की तरफ से पार्टी के पार्षद राजीव शर्मा, नीलम भारद्वाज, इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी से पार्षद संजय सिंह एवं योगेंद्र सिंह के द्वारा भी नामांकन कर दिया गया, जबकि गैर भाजपाई पार्षदों में आम आदमी पार्टी से पार्षद चौधरी मुस्तकीम एवं बसपा के पार्षद नरेश जाटव के द्वारा नामांकन किया गया था। हालांकि बाद में इंदिरापुरम के बीजेपी पार्षद संजय सिंह के द्वारा नामांकन वापस ले लिया गया। वैसे तो नाम वापसी के लिए एक बजे तक का समय तय किया गया था, जिसे आधे घटे के लिए बढा दिया गया था। बाद में मेयर ने सदन स्थगन की घोषणा कर दी।
धमकाए जाने का हुआ विरोध
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव के दौरान माहौल उस वक्त गरम हो गया जब महापौर सुनीता दयाल के द्वारा भाजपा पार्षद नीलम भारद्वाज पर नाम वापसी के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया गया और खुली चेतावनी दे डाली कि ये अनुशासनहीनता है, जिन पार्षदों के द्वारा यह अनुशासनहीनता की गई है, उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। इस दौरान महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने भी नीलम भारद्वाज को नाम वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास किया। नीलम भारद्वाज ने धमकी दिए जाने का विरोध किया। मेयर और पार्षद के बीच नोकझोंक भी हुई। जिसके बाद नीलम भारद्वाज सदन छोड़कर चली गईं। इस बीच इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी से बीजेपी के पार्षद संजय सिंह से भी मेयर की नोकझोंक हुई। संजय सिंह का तर्क था कि कोटा सिस्टम समाप्त होना चाहिए। हालांकि महापौर का कहना था कि यदि किसी पार्षद को कोई आपत्ति है तो उसे संगठन एवं जनप्रतिनिधियों के सामने रखा जाए, यह सदन है।
नामांकन करने के बाद गायब हुए पार्षद
निगम मुख्यालय में निगम कार्यकारिणी के छह सदस्यों के लिए चुनाव रखा गया था। भाजपा की ओर से नरेश भाटी, अमित मुदगल, पूनम सिंह और नीरज गोयल को प्रत्याशी घोषित किया गया था। माना जा रहा था कि इस दौरान दो गैर भाजपा के पार्षदों को मौका दिया जाएगा और सर्वसम्मति से 6 सदस्यों के लिए चयन हो जाएगा, लेकिन बीजेपी की तरफ से पार्टी के पार्षद राजीव शर्मा, नीलम भारद्वाज, इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी से पार्षद संजय सिंह एवं योगेंद्र सिंह के द्वारा भी नामांकन कर दिया गया, जबकि गैर भाजपाई पार्षदों में आम आदमी पार्टी से पार्षद चौधरी मुस्तकीम एवं बसपा के पार्षद नरेश जाटव के द्वारा नामांकन किया गया था। भाजपा पार्षदों को नाम वापस लेने के लिए मनाने का दौर कई घंटे तक चला और सदन में नाम वापसी के समय को बार-बार बढ़ाया भी गया। इस दौरान पार्षद राजीव शर्मा सदन से चले गए। जिसके बाद लंच की घोषणा कर दी गई। लंच के बाद राजीव शर्मा सदन में पहुंचे, लेकिन नाम वापस लेने पर सहमती नहीं बन सकी। हालांकि इंदिरापुरम के बीजेपी पार्षद संजय सिंह के द्वारा नामांकन वापस ले लिया गया।

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