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Home 25 उत्तराखंड 25 हरिद्वार : प्रत्येक सनातनी के लिये माँ बंगलामुखी का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समान है-यति नरसिंहानंद सरस्वती

हरिद्वार : प्रत्येक सनातनी के लिये माँ बंगलामुखी का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समान है-यति नरसिंहानंद सरस्वती

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सूर्या बुलेटिन हरिद्वार : सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण और सनातन धर्म की रक्षा जैसे सात महान उद्देश्यों के लिये माँ गंगा के तट पर गुरु कार्ष्णि घाट पर आज से आरम्भ हुआ 5 दिवसीय माँ बगलामुखी महायज्ञ

सूर्या बुलेटिन हरिद्वार : आज सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरीद्वार के गुरु कार्ष्णि घाट पर सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण,सनातन धर्म तथा सनातन धर्म के मानने वालों की बेटियो और परिवार सहित रक्षा,सनातन धर्म के सभी शत्रुओ के समूल विनाश तथा महायज्ञ के भाग लेने वाले तथा सहयोग करने वाले भक्तगणों की सभी सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु विजय और सदबुद्धि की देवी माँ बगलामुखी तथा महादेव का पांच तक चलने वाले महायज्ञ का शुभारंभ हुआ।यह महायज्ञ उन सभी सनातन धर्मियों को बल देगा जो धर्म और अपने बन्धु,बांधव,मित्रगण सहित अपने परिवार की रक्षा के लिये लड़ेंगे।
महायज्ञ के मुख्य व्यवस्थापक अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक है जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिये आजीवन माँ बगलामुखी महायज्ञ में यथासंभव सहयोग करने का संकल्प लिया।उन्होंने ही विधिवत माँ गंगा की पूजा अर्चना करके महायज्ञ का शुभारंभ करवाया।
महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि सनातन धर्म मे शत्रु विनाश और विजय के लिये माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से बढ़कर कुछ भी नहीं है।माँ बगलामुखी और महादेव की साधना का सबसे बड़ा उपाय मंत्र जप और महायज्ञ है।वस्तुतः माँ बगलामुखी और महादेव का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समान है जो मानव की सभी मनोकामना पूर्ण करने में समर्थ है।आज जब हमारा सम्पूर्ण अस्तित्व खतरे में है तो हमें माँ बगलामुखी और महादेव की शरण में जाना ही चाहिये।
यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने यह भी बताया कि उनका संकल्प है कि यह महायज्ञ कभी भी न रुके और अनन्त काल तक चलता रहे।अभी इस महायज्ञ का लक्ष्य देश के प्रमुख तीर्थो में जाकर वहाँ इसी तरह के पांच दिवसीय महायज्ञ करना है परन्तु जैसे जैसे भक्तगण जुड़ते जायेगे और सहायक बढ़ते जाएंगे यह महायज्ञ और अधिक प्रचण्ड होता चला जायेगा।आशा है कि माँ गंगा के तट से आरम्भ होकर यह महायज्ञ विश्व के हर कोने में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने हर जीवित हिन्दू से इस महायज्ञ में भागीदारी करने का आह्वान किया।
महायज्ञ के शुभारंभ में महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद आचार्य जी, महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती जी,स्वामी अमृतानंद जी,स्वामी ललितानंद जी, स्वामी बलराम मुनि,सनोज शास्त्री जी,कृष्ण विल्लभ भारद्वाज,अशोक पांडेय, अभिषेक गुप्ता तथा अन्य गणमान्य भक्तों ने भाग लिया।
यहाँ यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि शिवशक्ति धाम डासना के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने अपने जीवन मे केवल सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओ के विनाश के लिये ही सदैव माँ और महादेव का आह्वान किया है।
हरिद्वार : प्रत्येक सनातनी के लिये माँ बगलामुखी का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समान है-यति नरसिंहानंद सरस्वती

सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण और सनातन धर्म की रक्षा जैसे सात महान उद्देश्यों के लिये माँ गंगा के तट पर गुरु कार्ष्णि घाट पर आज से आरम्भ हुआ 5 दिवसीय माँ बगलामुखी महायज्ञ

सूर्या बुलेटिन हरिद्वार : आज सनातन धर्म की आध्यात्मिक राजधानी हरीद्वार के गुरु कार्ष्णि घाट पर सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण,सनातन धर्म तथा सनातन धर्म के मानने वालों की बेटियो और परिवार सहित रक्षा,सनातन धर्म के सभी शत्रुओ के समूल विनाश तथा महायज्ञ के भाग लेने वाले तथा सहयोग करने वाले भक्तगणों की सभी सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु विजय और सदबुद्धि की देवी माँ बगलामुखी तथा महादेव का पांच तक चलने वाले महायज्ञ का शुभारंभ हुआ।यह महायज्ञ उन सभी सनातन धर्मियों को बल देगा जो धर्म और अपने बन्धु,बांधव,मित्रगण सहित अपने परिवार की रक्षा के लिये लड़ेंगे।
महायज्ञ के मुख्य व्यवस्थापक अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक है जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिये आजीवन माँ बगलामुखी महायज्ञ में यथासंभव सहयोग करने का संकल्प लिया।उन्होंने ही विधिवत माँ गंगा की पूजा अर्चना करके महायज्ञ का शुभारंभ करवाया।
महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि सनातन धर्म मे शत्रु विनाश और विजय के लिये माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से बढ़कर कुछ भी नहीं है।माँ बगलामुखी और महादेव की साधना का सबसे बड़ा उपाय मंत्र जप और महायज्ञ है।वस्तुतः माँ बगलामुखी और महादेव का महायज्ञ कल्पवृक्ष के समान है जो मानव की सभी मनोकामना पूर्ण करने में समर्थ है।आज जब हमारा सम्पूर्ण अस्तित्व खतरे में है तो हमें माँ बगलामुखी और महादेव की शरण में जाना ही चाहिये।
यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने यह भी बताया कि उनका संकल्प है कि यह महायज्ञ कभी भी न रुके और अनन्त काल तक चलता रहे।अभी इस महायज्ञ का लक्ष्य देश के प्रमुख तीर्थो में जाकर वहाँ इसी तरह के पांच दिवसीय महायज्ञ करना है परन्तु जैसे जैसे भक्तगण जुड़ते जायेगे और सहायक बढ़ते जाएंगे यह महायज्ञ और अधिक प्रचण्ड होता चला जायेगा।आशा है कि माँ गंगा के तट से आरम्भ होकर यह महायज्ञ विश्व के हर कोने में आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने हर जीवित हिन्दू से इस महायज्ञ में भागीदारी करने का आह्वान किया।
महायज्ञ के शुभारंभ में महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद आचार्य जी, महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती जी,स्वामी अमृतानंद जी,स्वामी ललितानंद जी, स्वामी बलराम मुनि,सनोज शास्त्री जी,कृष्ण विल्लभ भारद्वाज,अशोक पांडेय, अभिषेक गुप्ता तथा अन्य गणमान्य भक्तों ने भाग लिया।
यहाँ यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि शिवशक्ति धाम डासना के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने अपने जीवन मे केवल सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओ के विनाश के लिये ही सदैव माँ और महादेव का आह्वान किया है।

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