Breaking News
Pay Now
Home 25 उत्तर प्रदेश 25 अभी तय नहीं पीयूष जैन की देनदारी, जांच के बाद पता चलेगी सही स्थिति: डीजीजीआई

अभी तय नहीं पीयूष जैन की देनदारी, जांच के बाद पता चलेगी सही स्थिति: डीजीजीआई

Spread the love

सूर्या बुलेटिन : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों की तलाशी के दौरान बरामद 197.49 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी को कारोबार के रूप में देखे जाने संबंधी खबरों को ‘विशुद्ध अटकल’ बताते हुए खारिज कर दिया है.

जीएसटी महानिदेशालय की खुफिया इकाई (डीजीजीआई) ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि जैन के ठिकानों की तलाशी के दौरान कुल 197.49 करोड़ रुपये नकदी, 23 किलो सोना और कुछ अन्य कीमती ‘आपत्तिजनक सामान’ बरामद किए गए हैं. यह बरामदगी सुगंधित उत्पाद बनाने वाली कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज से जुड़े परिसरों से की गई है. जैन इसी कंपनी के प्रवर्तक हैं.

इतनी बड़ी मात्रा में बेहिसाबी नकदी बरामद होने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया कि जीएसटी विभाग इसे जैन का कारोबार मानकर उसका एक चौथाई हिस्सा कर के रूप में चुकाने की मंजूरी देने का फैसला कर सकता है.

मगर डीजीजीआई ने इन खबरों को नकारते हुए कहा कि आरोपी के स्वैच्छिक बयान की अभी जांच की जा रही है और जांच के बाद ही उस पर देनदारी की सही स्थिति पता चल पाएगी. उसने इन खबरों को निराधार और अटकल बताते हुए कहा, ”तलाशी में जब्त समूची रकम भारतीय स्टेट बैंक के पास जमा कराई गई है.”
डीजीजीआई ने कहा, ”जब्त रकम में से मैसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज की तरफ से किसी भी बकाया कर का भुगतान नहीं किया गया है. अभी कर देनदारी का निर्धारण होना बाकी है.”

उसने जैन की तरफ से दी गई जानकारियों का ब्योरा न देते हुए कहा कि स्वैच्छिक बयान चल रही जांच का विषय है और जब्त नकदी के स्रोत और कर देनदारी का फैसला तलाशी के दौरान मिले साक्ष्यों की पड़ताल पर निर्भर करेगा.
उसने कहा कि जैन के अपनी गलती मानने और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उनको गिरफ्तार किया गया था.

जीएसटी विभाग के हाथों गिरफ्तार होने के बाद जैन को 27 दिसंबर को कानपुर की अदालत में पेश किया गया था जहां से उनको 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

About Amit Pandey

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*