बाबरी मामले में भड़ास निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी
सूर्या बुलेटिन (नई दिल्ली)। बुधवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में बुधवार को एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत कुल 32 आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले भड़के एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पहले तो ट्वीट के जरिये शायरी लिखकर फैसले पर सवाल उठाया लेकिन इससे भी जब उनका पेट नहीं भरा तो उन्होंने बयानबाजी करके अपनी भड़ास निकाली।
अब वो कह रहे हैं कि ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है और कई सवाल खड़े किए। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि वहां पर ढांचा गिराया गया, आज का ये फैसला काले दिन के तौर पर याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि क्या किसी जादू से मूर्ति रखी गई थी, क्या जादू से ही ताले खुले थे, क्या फिर जादू से ही मस्जिद गिर गई? उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला देश के लिए काला दिन है। जहां भी एलके आडवाणी की रथ यात्रा गई, वहां पर खून-खराबा हुआ था। ये बताना चाहिए कि जब इतने महीने से तैयारी हो रही थी, तो फिर सब अचानक कैसे हो गया। जब बाबरी मस्जिद तोड़ी गई तो लोग मिठाई बांट रहे थे, खुशियां मना रहे थे। उमा भारती ने नारे लगाए थे कि एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो। ओवैसी ने कहा कि इस पूरे मामले में मुसलमानों को इंसाफ नहीं मिला। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि कल्याण सिंह ने कहा था कि रोक बनाने पर है, गिराने पर नहीं. ओवैसी ने आरोप लगाया कि 5 दिसंबर की रात को विनय कटियार के घर पर बैठक हुई थी, जिसमें लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल थे। ओवैसी ने आरोप लगाया कि एक आरोपी अदालत के बाहर खड़ा होकर विध्वंस की बात स्वीकार रहा है और उसे अदालत ने बरी कर दिया।