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ढांचा न गिराया होता तो आज राम मंदिर कैसे बनता

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बाबरी मामले में बरी होने के बाद जय भगवान गोयल ने कहा
1990 में कारसेवकों को गोली से भूनने व अशोक सिंघलजी का सिर फोड़ने से आक्रोश था

सूर्या बुलेटिन (लखनऊ)। अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा विध्वंस मामले में 28 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि बाबरी मस्जिद के ढांचे के विध्वंस की कोई साजिश नहीं थी और किसी भी आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले। वहीं मामले में बरी होने के बाद कोर्ट के बाहर जय भगवान गोयल ने कहा कि हां! मैंने ढांचा गिराया, हिंदू जीता, अब काशी और मथुरा है मुद्दा। जय भगवान गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हां मैंने ढांचा तोड़ा था और मुझे गर्व है। सीबीआई कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया, इसके लिए धन्यवाद। अगर सीबीआई कोर्ट हमें सजा सुनाती, उसे भी हम स्वीकार करते। हमने ढांचा बिल्कुल गिराया था, गिराया था, तभी तो आज राम मंदिर बन रहा है। अगर 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद नहीं गिराते, तो राम मंदिर कैसे बन पाता। हिंदू जीता, अब हमारा अगला एजेंडा काशी और मथुरा है।
जय भगवान गोयल ने कहा कि हम कोर्ट में ये बात कह चुके हैं कि हमने ही ढांचा गिराया था। 1990 में कार सेवकों को गोलियों से भूना गया था। हमारे नेता अशोक सिंघल जी का सिर फोड़ दिया था, ये सबकुछ हमने देखा था। इसको लेकर हमारे अंदर आक्रोश था कि जब कभी कार सेवा होगी तो ढांचा टूटना चाहिए.। उन्होंने आगे कहा कि हमारा पूरा एजेंडा था कि ढांचा बचना नहीं चाहिए। ढांचा टूटना ही चाहिए, ये हमारा भाव था। भाव के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा हुई, हजारों लाखों की संख्या में लोग वहां पहुंचे और हर कार सेवक के अंदर स्वयं हनुमान जी आ गए।

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