मैं यति नरसिंहानन्द सरस्वती आज हिन्दुओ के कायराना और गैरजिम्मेदाराना रवैये से बहुत आहत हूँ।मेरी गलती केवल इतनी है की मैंने हिन्दू होकर इस धरती से इस्लामिक जिहाद से टक्कर लेने का साहस किया और हिन्दुओ को आपस में लडवाने की बजाय उनकी एकता से लिये जी जान लगा दी। सब काम छोड़कर पुलिस और मीडिया मुझे वांछित अपराधी घोषित करने में लग गया जबकी उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय ने मेरी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
सुर्या बुलेटिन(गाजियाबाद) आज शिवशक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके पुलिस पर अपने उत्पीड़न का आरोप लगाया।
महंत यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज का कहना है की पुलिस ने उन पर एक झूठा और बेबुनियाद केस दर्ज किया और लगातार उनके साथियों और शिष्यों को परेशान किया और उनका उत्पीड़न किया।पुलिस की इस कार्यवाही के विरुद्ध उच्च न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया गया और उच्च न्यायालय ने 27 सितम्बर 2019 को यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।इसके बाबजूद भी पुलिस लगातार यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी को परेशान कर रही है और उन्हें मंदिर से दूर रहने के लिये मजबूर किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर है की पुलिस किसी प्रभावशाली व्यक्ति या समूह के प्रभाव में डासना शिवशक्ति धाम को उजाड़ने पर तुली हुई है और शहर में महंत जी की छवि बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है।क्या ग़ाज़ियाबाद पुलिस उच्च न्यायालय से ऊपर हो चुकी है।
महंत जी ने यह भी कहा की अगर उनके उत्पीड़न की कार्यवाही नहीँ रोकी गयी तो वो योगी जी के आवास पर जाकर आमरण अनशन करने पर मजबूर होंगे।
मंदिर के विरुद्ध हो रही इस कार्यवाही से क्षेत्र के धर्मनिष्ठ हिन्दुओ के भीषण आक्रोश व्याप्त है।