सूर्या बुलेटिन : दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों ने अपनी गति बढ़ा दी है। इस बार छोटे/स्कूली बच्चे भी बड़ी संख्या में कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं। नोएडा और गाजियाबाद में रोजाना औसतन 10 बच्चे कोरोना संक्रमित हो रहे है। ऐसे में जिस तेजी से दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है, वह चौथी लहर का संकेत भी हो सकता है। दिल्ली में एक दिन अब 1000 से अधिक मामले सामने आने लगे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी विशेषज्ञ और डाक्टर ने भारत में चौथी लहर को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यह अलग बात है कि आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिक मणीन्द्र अग्रवाल कुछ महीने पहले कोरोना को लेकर चौथी लहर की बात कर चुके हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हम बता रहे हैं कि लोग कैसे खुद को कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा सकते हैं।
- मास्क लगाएं, कोरोना आपको छू तक नहीं पाएगा
कोरोना वायरस संक्रमण के विस्तार के साथ यह भी तय हो गया है कि इससे लड़ाई सावधानी के साथ ही जीती जा सकती है। कोरोना वायरस से दूरी बनाने का सबसे आसान तरीका है मास्क। जी, हां कुछ रुपयों में मिलने वाला मास्क आपको कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आने देगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनने से कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बहुत कम हो जाता है।
मास्क को कर लें जीवनशैली में शामिल
विशेषज्ञों की मानें तो अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो आपको कम से कम 6-8 महीने मास्क अनिवार्य रूप से पहनना चाहिए। यहां पर ज्यादातर दिन तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 200 के आसपास रहता है, जबकि 3 महीने तक यह 300 के पार चला जाता है। ऐसे में मास्क लगाने से आप कोरोना के साथ वायु प्रदूषण से भी राहत पाएंगे।
- भीड़भाड़ वाले स्थान पर जरूरी न हो ना जाएं
देश-दुनिया के तमाम विशेषज्ञ लगातार इस बात का इशारा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस अभी गया नहीं है और भविष्य में भी यह भेष बदलकर आता रहेगा। इस बाबत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने लोगों को सलाह दी है कि कोरोना वायरस हवा से फैलने वाला वायरस है। ऐसे में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर संक्रमण का ज्यादा खतरा है। लोगों को चाहिए कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें, जब तक कि जरूरी नहीं हो।
- लगवाएं बूस्टर डोज
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में बूस्टर डोज की अहमियत बढ़ गई है, क्योेंकि कोरोना का टीका लगवाने वाले लोगों पर वायरस का असर कम होता है। तीसरी लहर के दौरान देश में मौतों के आंकड़ों में कमी आने की वजह से ज्यादातर लोगों को कोरोना की पहली और दूसरी डोज लेना रहा। विशेषज्ञों का भी कहना है कि बूस्टर डोज काफी हद तक कोरोना वायरस से बचाव कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज का असर लगभग 6 से 9 महीने में रहता है। ऐसे में बूस्टर डोज से लोगों को इम्यून काफी मजबूत होगा और साथ ही कोरोना से लड़ाई में काफी सहायक होगा।
सभी लोग लें कोरोना की बूस्टर डोज
एम्स दिल्ली में पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट में असोसिएट प्रोफेसर डा. विजय हड्डा का कहना है कि वैक्सीन लेने के 9 महीने के बाद शरीर में एंटीबाडी काफी कम हो जाती हैं। ऐसे में सभी लोगों को कोरोना रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज लेनी चाहिए।
बरतें ये सावधानी
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। अगर जाना बेहद जरूरी हो तो दूसरों से एक मीटर की दूरी बना कर रखें।
- सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाएं। ऐसी जगहों पर जरूर लगाएं जहां पर वैंटिलेशन की दिक्कत हो।
- मास्क सही साइज वाला हो।
- हाथ धोने की आदत को जीवन में पूरी तरह से अपना लें।
ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान
- बुखार
- खांसी
- सांस लेने में परेशानी
- बदन दर्द
- सिरदर्द
- गले में खराश
- नाक बहना
- थकान
- चक्कर आना
- धड़कन बढ़ना
- सूंघने और स्वाद में कमी