आतंकवाद के विरोध में 20 और 21 जुलाई को शिवशक्ति धाम डासना में आयोजित होगी दो दिवसीय हिन्दू नारी संसद
सुर्या बुलेटिन(मोदीनगर) “जिस तरह से दिल्ली के चावड़ी बाजार में बिना किसी कारण हिन्दुओ का प्राचीन मंदिर ध्वस्त किया गया और उत्तर प्रदेश में कई जगह से हिन्दुओ को अपना घर बार छोड़कर पलायन करने को मजबूर होना पड़ा है,वह बहुत चिंता का विषय है।यदि इस तरह की आतंकवादी घटनाओं का विरोध नहीँ किया गया तो बहुत जल्दी भारत का धर्मपिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक ढांचा ध्वस्त हो जायेगा।यदि ऐसा हुआ तो इसमें सर्वाधिक नुकसान महिलाओं का होगा क्योंकि महिला ही भारतीय सामाजिक ढांचे की आधारभूत शक्ति हैं।ऐसे में समाज को इस तरह आतंकवाद जैसी बुराइयों से बचाने के लिये महिलाओं को आगे आकर कार्य करना पड़ेगा अन्यथा विकृत मानसिकता के आतंकवादी सारे भारतीय समाज की दुर्दशा कर देंगे।”ये विचार आज प्रेस वार्ता में शिवशक्ति धाम डासना की श्रीमहंत यति माँ चेतनानन्द सरस्वती जी ने रखे।यह प्रेस वार्ता 20 और 21 जुलाई 2019 को शिवशक्ति धाम डासना में होने वाली दो दिवसीय हिन्दू नारी संसद की तैयारी के लिये आयोजित की गयी थी। यति माँ चेतनानन्द सरस्वती जी के आह्वान पर आयोजित होने वाली हिन्दू नारी संसद की अध्यक्षता देश की एकमात्र महिला शंकराचार्य साध्वी त्रिकाल भवंता करेंगी।हिन्दू नारी संसद की मुख्य संयोजिका श्रीमती शशि चौहान और मुख्य समन्वयक श्रीमती अंजली आर्य होगी।हिन्दू नारी संसद का मुख्य विषय भारतवर्ष को कश्मीर की तरह हिन्दू विहीन होने से रोकना होगा।कार्यक्रम में देश के कोने कोने से महिलाये भाग लेंगी और अपने अपने क्षेत्र में हिन्दुओ की स्थिति पर चर्चा करेगी।हिन्दू नारी संसद में संपूर्ण विश्व में घटती हुई हिन्दू जनसँख्या पर विशेष चर्चा होगी तथा नारी सशक्तिकरण पर भी विचार किया जायेगा।
पीठाधीश्वर बाबा मनोहर नाथ मन्दिर निलिमानंद जी महाराज ने अपना पूर्ण समर्थन 20 और 21 जुलाई को होने वाली नारी संसद को देते हुए कहा कि जिस प्रकार आज हिंदुओं की बेटियों को जिहादी अपना शिकार बना रहे हैं ऐसे में नारी शक्ति का संगठित व आत्मरक्षा में निपुण होना अनिवार्य हो गया है।साथ ही क्रीड़ा भारती की मीडिया प्रभारी श्वेता मैनी ने भी नारी संसद को सफल बनाने के लिए महिलाओं से सम्पर्क का आश्वासन दिया है।
प्रेसवार्ता में मुक्ता चौधरी,कार्यक्रम समन्वयक चौधरण अंजली आर्या, प्रीति शिवाच दौराला, श्रीमती संजू देवी, चंचल श्यौराण, श्रीमती रेखा राणा व अन्य महिलाओं ने अपने विचार रखे।