किसानों का वेव सिटी बिल्डर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, फर्जी वादों का आरोप

गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश – वेव सिटी बिल्डर के खिलाफ किसानों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। बुधवार को बड़ी संख्या में किसान वेव सिटी बिल्डर के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और झूठे वादों व अन्याय के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी किसान वे हैं, जिनकी कृषि भूमि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) और उत्तर प्रदेश सरकार की मिलीभगत से वेव सिटी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई थी। किसानों का आरोप है कि न तो उन्हें उचित मुआवजा दिया गया और न ही वेव सिटी बिल्डर द्वारा किए गए वादे पूरे किए गए।
वादे तोड़े, किसान ठगे गए
किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के समय उन्हें उचित मुआवजे, पुनर्वास सहायता और प्लॉट दिए जाने का वादा किया गया था। लेकिन अब बिल्डर अपने वादों से मुकर गया है।
एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, “हमने अपनी ज़मीन यह सोचकर दी थी कि हमें न्याय मिलेगा, लेकिन अब हम ठगे गए महसूस कर रहे हैं। बिल्डर ने प्लॉट देने का वादा भी तोड़ दिया है, और सरकार ने भी हमारी कोई सुध नहीं ली।”
किसानों का आरोप है कि उन्हें जो मुआवजा मिला, वह बाज़ार दर से बहुत कम था, जिससे वे आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं।
पहले भी हुआ था विरोध, किसानों पर हुई थी हिंसा
यह पहली बार नहीं है जब किसान अपने हक के लिए सड़कों पर उतरे हैं। इससे पहले भी उन्होंने आवाज़ उठाई थी, लेकिन उनका दावा है कि उस समय उन्हें सुरक्षा कर्मियों द्वारा हिंसा का सामना करना पड़ा था।
एक किसान ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “पहले जब हमने विरोध किया था, तब हमें पीटा गया था। वे हमें चुप कराना चाहते हैं, लेकिन हम तब तक लड़ेंगे जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता।”
स्थानीय मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
वेव सिटी बिल्डर और प्रशासन की प्रतिक्रिया
बुधवार के प्रदर्शन के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद रही, हालांकि किसी हिंसक घटना की खबर नहीं आई।
इस बीच, वेव सिटी बिल्डर के प्रवक्ता ने कहा, “हम किसानों की चिंताओं से अवगत हैं और यह मामला सरकारी नियमों के तहत जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।” गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने इस पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं दी और बिल्डर से संपर्क करने की बात कही।
राजनीतिक दलों ने दिया समर्थन
इस मुद्दे पर राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब और कमजोर वर्गों का शोषण हो रहा है।
एक विपक्षी नेता ने कहा, “सरकार और बिल्डर मिलकर किसानों के अधिकार छीन रहे हैं। यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
संघर्ष जारी रहेगा
वर्तमान में किसानों का आंदोलन जारी है, और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि बिल्डर, सरकार और स्थानीय प्रशासन इस बढ़ते असंतोष का कैसे समाधान निकालते हैं।