डेंगू के संदिग्ध संक्रमित बुजुर्ग की उपचार के दौरान मौत
स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण से किया इनकार
सूर्या बुलेटिन
गाजियाबाद। जिले में इस सीजन में भले ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक भी डेंगू संक्रमित की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन रविवार को एक डेंगू के संदिग्ध संक्रमित बुजुर्ग की मौत हो गई। बुजुर्ग की कई दिनों से तबीयत खराब चल रही थी और शनिवार को उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। परिजनों का कहना है कि अस्पताल की ओर से डेंगू की जांच करवाई गई थी, जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई थी। बुजुर्ग के प्लेटलेट्स 9 हजार रह गए थे और प्लेटलेट्स चढ़ाने पर भी रिकवरी नहीं हो सकी। रविवार सुबह बुजुर्ग की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है, मामले की जांच करवाई जाएगी।
आदित्य वर्ल्ड सिटी में रहने वाले अशोक श्रीवास्तव (62) की कई दिनों से तबीयत खराब थी। वह शुगर पेशेंट भी थे। परिजनों ने उन्हें पास के डॉक्टर से दवा दिलवा दी थी, लेकिन दवा से ज्यादा आराम नहीं मिला और शनिवार को उनकी तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई। अशोक श्रीवास्तव ने खून की उल्टी की, जिससे परिजन घबरा गए और उन्हें मणिपाल अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें डेंगू शॉक सिंड्रोम बताते हुए भर्ती कर लिया। अस्पताल की ओर से ओर से उनकी डेंगू जांच करवाई गई, जिसमें संक्रमण की पुष्टि होना बताया गया। अशोक श्रीवास्तव को अस्पताल में भी खून की उल्टी हुई। इसके अलावा उन्हें गंभीर रूप से कमजोरी भी थी। शनिवार देर शाम उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाई गईं, लेकिन वह रिकवर नहीं कर सके। रविवार सुबह उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजन उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक स्थान गोंडा ले गए हैं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई थी। वहीं, मामले में जिला मलेरिया अधिकारी जीके मिश्रा का कहना है कि डेंगू का कोई केस रिपोर्ट नहीं हैंं। मणिपाल अस्पताल की ओर से भी इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई है। मामले की जानकारी की जा रही है और अस्पताल प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी गई है।
–डेंगू के चार स्ट्रेन
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता के अनुसार डेंगू संक्रमण में चार स्ट्रेन होते हैं। इनमें डेन-1,2, 3 और डेन-4 शामिल हैं। इन चारों में डेन-2 स्ट्रेन को सबसे ज्यादा घातक माना जाता है। डेन-2 स्ट्रेन के संक्रमण के कारण मरीज को कई बार शॉक सिंड्रोम होता है, जिसके चलते मरीज की मल्टी ऑर्गन फेलियर से मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि डेन-2 संक्रमित मरीज को बुखार उतरने के बाद भी एक सप्ताह तक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मरीज को खुद अपनी निगरानी करनी होती है और किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस संक्रमण बुखार उतरने के बाद भी मरीज की हालत एक सप्ताह के भीतर दोबारा से गंभीर हो सकती है।
–बुखार उतरने के बाद दिखें ये लक्षण तो डॉक्टर के पास जाएं
डीएसओ ने बताया कि डेंगू में आमतौर पर बुखार उतरने और प्लेटलेट्स सामान्य होने के बाद ज्यादा सावधानी की जरूरत नहीं होती है। हालांकि डेंगू के कारण शरीर में आई कमजोरी को भरने में समय लगता है, लेकिन डेन-2 स्ट्रेन के संर्कमित मरीजों को बुखार उतरने के बाद भी सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस स्ट्रेन के संक्रमण में प्लेटलेट्स ज्यादा कम नहीं होती है, लेकिन कमजोरी बहुत ज्यादा आ जाती है। यह स्ट्रेन शरीर में गंभीर नुकसान करता है, जिसके कारण बुखार उतरने के बाद भी दोबारा स्ट्रेन एक्टिव हो सकता है। यह स्थित मरीज के लिए जानलेवा भी हो सकती है। उन्होने कहा कि बुखार उतरने के बाद यदि मरीज शरीर में कहीं सूजन महसूस हो, मुंह सूखने की परेशानी हो, यूरिन कम आने लगे, आंखों के आगे अंधेरा सा छाने लगे, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस हो या दिल की धड़कन बढ़ी हुई महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह लक्षण गंभीर हैं।