पुलिस पर लगाया गर्भपात का आरोप
दबिश देने गई पुलिस पर किया जानलेवा हमला, दरोगा की हालत गंभीर
पुलिस ने 17 लोगों को किया गिरफ्तार, एक महिला का हुआ गर्भपात
परिजनों ने लगाया पुलिस की पिटाई से गर्भपात का आरोप
सर्या बुलेटिन (गाजियाबाद) ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में दबिश देने गई पुलिस पर लोगों ने हमला कर दिया और एक दरोगा की बुरी तरह पिटाई कर दी। दरोगा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने 15 महिलाओं और दो पुरुषों को गिरफ्तार करके जेल भेजा। जेल भेजी एक गर्भवती महिला का गर्भपात हो गया। महिला के परिजनों ने पुलिस की मारपीट से गर्भपात होने का आरोप लगाया है। इसके साथ यह भी आरोप है कि महिला को जेल महिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया और गर्भपात करवाने से पूर्व परिजनों को सूचना तक नहीं दी गई। महिला की हालत खराब होने पर उसे आनन-फानन में जमानत देकर परिजनों के सपुर्द कर दिया गया। अब मामले को लेकर परिजनों ने अदालत से गुहार लगाने के साथ ही मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर पुलिस, जेल प्रशासन और महिला अस्पताल पर भी आरोप लगाया है।
ट्रोनिका सिटी के अमित एनक्लेव में एक आरोपी को पड़ने के लिए दबिश देने गई पुलिस टीम पर लोगों को हमला कर दिया था। भीड़ ने पुलिस टीम में शामिल एक दरोगा की बेहरमी से पिटाई की और उसके वाहन को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस टीम वहां से किसी तरह से जान बचाकर निकल सकी थी। दरोगा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है और फिलहा उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस मामले में थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी। जिसके बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची, तब भी पुलिस पर हमला करने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने मौके से हंगामा करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिनमें 15 महिलाएं शामिल थींं। सभी को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार करके मेडिकल करवाने के बाद जेल भेजा गया था। यदि इस मामले में कुछ आरोप लगाए जा रेह हैं तो उनकी भी जांच करवाई जाएगी।
एसीपी ट्रोनिका सिटी सूर्य बलि मौर्य का कहना है कि आरोपों की जांच करवाई जाएगी।
—क्या हैं परिवार के आरोप
परिजनों की शिकायत के अनुसार ट्रॉनिका सिटी के अमित एन्क्लेव कासिम विहार में चौकी प्रभारी 11 मई को सुबह लगबग सात बजे 20-25 पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे थे और जो सामने आया उसे पकड़ लिया गया। पुलिस ने 15 महिलाओं और 2 व्यक्तियों को पकड़ा और थाने ले गए। जहां महिलाओं के साथ मारपीट की गई। इन महिलाओं ने सबिना पत्नी यामीन जो तीन माह की गर्भवती थी, वह भी शामिल थी। परिजनों ने 13 मई को सबिना की जमानत के लिए एसीपी कार्यपालक मजिस्ट्रेट इंदिरापुरी लोनी के यहां याचिका दाखिल की थी, लेकिन उन्होंने याचिका यह कहकर रद्द कर दी कि 8-10 दिनों तक जमानत नहीं हो सकती। इसके बाद सबिना के परिजनों को जेल से फोन पर सूचना मिली कि मारपीट के कारण सबिना का गर्भपात हो गया है और उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके बाद दोबारा 16 मई को सबिना को महिला अस्पताल भेजा गया और उसका अबॉर्शन करवा दिया गया। जब सबिना का अबॉर्शन करवाया गया तो वहां कोई परिजन मौजूद नहीं था और न ही परिजनों को अबॉर्थन की जानकारी दी गई और न ही कोई अनुमति ली गई। अबॉर्शन के बाद सबिना की हालत बेहद चिंताजनक बनी हुई है। इस मामले में सबिना की देवरानी सलमा की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल करने के साथ ही जन सुनवाई पोर्टल पर भी चौकी प्रभारी, थाना पुलिस और जेल प्रशासन के खिलाफ शिकायत की गई है। परिजनों का आरोप है कि सबिना का गर्भपात करवाने के बाद उसे जमानत दे दी गई और उसे अस्पताल में ही परिजनों सपुर्द कर दिया गया। सबिना का गर्भपात पुलिस की पिटाई के कारण हुआ और अस्पताल में उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। मामले में पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
—हालत खराब होने पर भेजा था अस्पताल
इस मामले में जेल अधीक्षक आलोक कुमार का कहना है कि महिला की जेल में तबीयत खराब होने पर उसे महिला अस्पताल भेजा गया था। अस्पताल से जांच के बाद महिला को वापस भेज दिया गया था और दो दिन बाद फिर से तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल भेजा गया। गुरुवार को महिला की जमानत स्वीकार कर ली गई थी जिसका पत्र जेल प्रबंधन को मिला तो महिला को अस्पताल में ही परिजनों को सपुर्द कर दिया गया।
—महिला को दी गई छुट्टी
महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अभिषेक त्रिपाठी के अनुसार महिला को बुधवार की शाम को जेल से लाया गया था। महिला का मिस कैरेज हुआ था, जिसका गुरुवार को उपचार कर दिया गया था। महिला की हालत खतरे से बाहर थी। गुरुवार को ही जेल से महिला की रिहाई के ऑर्डर आए थे और जेल कर्मियों ने महिला को उसके परिजनों के सपुर्द कर दिया। शुक्रवार को महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।