11राज्यों से PFI के 106 सदस्य गिरफ्तार
सूर्या बुलेटिन(दिल्ली) गुरुवार आधी रात से 13 राज्यों में (PFI) के कई ठिकानों पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने छापेमारी की, जो अभी जारी है। अभी तक टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में PFI से जुड़े 106 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है।
NIA और ED की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी और राजस्थान में चल रही है। इधर, कार्रवाई के बीच गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और NIA के महानिदेशक मौजूद रहे।
छापेमारी कि मुख्य वजेह
- जुलाई में पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर आतंकी साजिश का खुलासा किया था। खुलासे के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस केस में PFI के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आने के बाद सितंबर में NIA ने बिहार में छापेमारी की थी।
छापेमारी, की 2 अन्य वजहें…
- NIA अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारी संख्या में टेरर फंडिंग की गई है। लिंक खंगालने के बाद जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई की है।
- सूत्रों के मुताबिक NIA को सूचना मिली कि कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से PFI बड़े स्तर पर ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। इसमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ लोगों का ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था।
विरोध में सड़क पर उतरे कार्यकर्ता
NIA, ED छापेमारी खिलाफ PFI के कार्यकर्ता केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु में सड़कों पर उतर आए हैं। केरल में कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम भी किया, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बलप्रयोग किया।
वहीं केंद्र सरकार भी PFI पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए अगस्त में ही एक टीम बनाई गई थी, जिसे 3 मोर्चे पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
- PFI के नेटवर्क की मैपिंग करना। शुरुआत कर्नाटक से, लेकिन देश के उन सभी इलाकों का भी एक मैप तैयार होगा जहां PFI से जुड़ा एक भी व्यक्ति रहता है।
- PFI की फंडिंग के सोर्सेज का का पता लगाना। साथ ही उससे जुड़े सारे डॉक्युमेंट कलेक्ट करना।
- PFI का नाम जिन-जिन दंगों या फिर घटनाओं में आया उन सभी मामलों को जॉइंट टीम रीविजिट करेगी।
12 साल पहले ईशनिंदा के आरोप में प्रोफेसर का हाथ काटा गया, PFI से जुड़े थे आरोपी
केरल में 2010 में कॉलेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ कट्टरपंथियों के निशाने पर आए थे। प्रोफेसर जोसेफ ने परीक्षा के लिए तैयार क्वेश्चन पेपर में ‘मोहम्मद’ नाम लिखा था। जोसेफ पर धार्मिक भावनाएं आहत करने और ईशनिंदा का आरोप लगा। कट्टरपंथी उनके दाएं हाथ को काटकर बोले- इस हाथ से तुमने पैगंबर का अपमान किया। इसलिए इस हाथ से अब तुम्हें दोबारा कभी नहीं लिखना चाहिए। यह पहली घटना थी जब भारत में PFI का नाम ईशनिंदा के खिलाफ किसी मामले में जुड़ा था।
PFI नेता कासिमी का विवादित बयान
18 सितंबर को केरल के कोझिकोड में एक रैली के दौरान PFI नेता अफजल कासिमी ने कहा था- संघ परिवार और सरकार के लोग हमें दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस्लाम पर जब भी खतरा होगा, तब हम शहादत देने से पीछे नहीं हटेंगे। कासिमी ने कहा- यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और मुसलमानों को जिहाद के लिए तैयार रहना है।