राहुल भट्ट से विजय कुमार तक हाल में ये बने आतंकियों के शिकार, जम्मू-कश्मीर में नया ‘खूनी’ दौर
सूर्या बुलेटिन : जम्मू और कश्मीर में टारगेट किलिंग का दौर फिर लौटता नजर आ रहा है। केवल मई में ही 4 आम नागरिक आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए। ताजा मामले गुरुवार को सामने आए, जब दहशतगर्दों ने दो लोगों की हत्या कर दी। हालात इतने नाजुक हैं कि बुधवार को प्रवासी कश्मीरी पंडितों को अधिकारियों ने घरों तक सीमित कर दिया, क्योंकि वे घाटी छोड़ने की धमकी दे रहे थे। लोगों का कहना है कि यह 1990 के दौर से ज्यादा खतरनाक है।
गुरुवार के कांड
21 साल के विजय कुमार चार दिनों पहले ही इलाकाई देहाती बैंक से मैनेजर के तौर पर जुड़े थे। वह कुलगाम जिले के अरेह मोहनपोरा गांव की शाखा में काम कर रहे थे। गुरुवार को वह सुबह करीब 10 बजे ब्रांच पहुंचे। इसके बाद हत्यारों ने बैंक परिसर में आकर उन्हें गोली मार दी। LeT के आतंकी समूह कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली है।
जम्मू और कश्मीर में हुई हत्या से देश रूबरू हो रही रहा था कि आतंकियों ने रात 9.10 बजे मध्य कश्मीर जिले के चडूरा इलाके में मगरयपोरा में ईंट के भट्ठे पर काम करने वाले दो मजदूरों पर गोली चला दी। मजदूरों की पहचान दिलखुश कुमार और गुरी के तौर पर हुई है। एक ओर जहां घायल गुरी इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए। वहीं, कुमार ने SMHS अस्पताल में दम तोड़ दिया। खबर है कि कुमार बिहार के रहने वाले थे।
शिक्षक की हत्या
जम्मू की सांभा जिले में रहने वाली 36 वर्षीय शिक्षिका रजनी बाला को गोली मार दी। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। बाला कुलगाम को गोपालपुरा स्थित सरकारी स्कूल में पदस्थ थीं। खबर है कि शिक्षिका के सिर में गोली मारी गई थी। बीते साल अक्टूबर में भी जम्मू की एक शिक्षिका को भी श्रीनगर के ईदगाह क्षेत्र में गोली मार दी थी।
बुर्का पहनकर आया हत्यारा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 17 मई को बारामूला के दीवान बाग इलाके में ‘बुर्का’ पहने एक आतंकी ने शराब की दुकान की खिड़की से हैंड ग्रेनेड गिरा दिया। इस घटना में चार लोग घायल हो गए थे। लेकिन इनमें से एक रंजीत सिंह की बाद में मौत हो गई थी। वह राजौरी जिले के बाकरा गांव के रहने वाले थे।
राहुल भट्ट की हत्या से भड़का कश्मीरी पंडितों का गुस्सा
12 मई को चडूरा के तहसील कार्यालय में सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट को आतंकियों ने गोली मार दी थी। इस घटना के बाद से ही घाटी में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए। नाराज कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने वेसू माइग्रेंट कॉलोनी के बाहर श्रीनगर-जम्मू हाईवे को ब्लॉक कर दिया था। जम्मू और कश्मीर पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस और हल्की लाठी चार्ज का इस्तेमाल करना पड़ा था।
अप्रैल में चली गोलियां
13 अप्रैल को आतंकियों ने आम नागरिक सतीश कुमार सिंह राजपूत को कुलगाम में गोली मार दी थी। पेशे से ड्राइवर रहे राजपूत की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने ‘काफिरों के नाम पत्र’ के जरिए कश्मीरी हिंदुओं को ‘कश्मीर छोड़ने या मरने’ की धमकी दी। 4 अप्रैल को संदिग्ध आतंकियों ने शोपियां में बालकृष्ण भट्ट नाम के कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी।