ड्रॉप रोबाल महासंघ के उपाध्यक्ष बनने पर अशोक यादव का किया गया भव्य स्वागत
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश में कराये जाने का लिया गया निर्णयसूर्या बुलेटिन (गाजियाबाद)। शाहपुर बम्हैटा निवासी अशोक यादवको भारतीय ड्रॉप रोबाल महासंघ का उपाध्यक्ष चुना गया है। शुक्रवार को यहां एक प्रेस कांफे्रंस करके मीडिया को यह जानकारी दी गयी और श्री यादव का यहां पर भव्य स्वागत किया गया।
ड्रॉप रोबाल एसोसिएशन आफ उत्तर प्रदेश की बैठक में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि नई कार्यकारिणी में गाजियाबाद जनपद के बम्हैटा निवासी खेलों से सम्बन्ध रखने वाले व समाजसेवी अशोक यादव को उपाध्यक्ष बनाये जाने पर जनपदवासियों में अपार हर्ष है। श्री यादव के चयन को लेकर उत्तर प्रदेश ड्रॉप रोबाल संघ परिवार में बहुत ही उत्साह व खुशी है। संघ श्री यादव को उपाध्यक्ष बनाये जाने पर उनका हार्दिक स्वागत करता है। काबिले जिक्र है कि अशोक यादव के सहयोग से उत्तर प्रदेश में ड्रॉप रोबाल खेल को पहचान मिली। इस खेल को विकसित करने में श्री यादव ने अहम भूमिका निभाई है। अशोक यादव जी पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जो चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में गोल्ड मैडलिस्ट रहे हैं। इनके पिता भी श्री वीरपाल यादव , प्रदेश में खेलों में चर्चित व्यक्तित्व रहे हैं।
शानदार तरीके से आयोजित होगी प्रतियोगिता: कर्मवीर जी
महासंघ की बैठक में बारहवीं जूनियर व यूथ कप राष्ट्रीय बालक व बालिका प्रतियोगिता नवम्बर में उत्तर प्रदेश में कराने का निर्णय लिया गया। सेठ मुकन्द लाल इन्टर कॉलेज, गाजियाबाद के प्रधानाचार्य एवं ड्रॉप रोबाल आर्गनाइजिंग कमेटी के चेयरमैन कर्मवीर जी व इस्कॉन मंदिर गाजियाबाद के सुरेश्वर जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय प्रतियोगिता बड़े ही शानदार तरीके से आयोजित करायी जायेगी। इस प्रतियोगिता की तारीख और स्थान के लिये जल्द ही मीटिंग कर सूचना दे दी जायेगी।
इससे पूर्व मिली जानकारी के अनुसार भारतीय ड्रॉप रोबाल महासंघ की चौथी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एवं बैठक महर्षि दयानन्द यूनिवर्सिटी रोहतक(हरियाणा) में गत 12 सितम्बर को आयोजित की गयी थी। इस बैठक में नई कार्यकारिणी का चुनाव भी कराया गया था। चुनाव प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता दीपक अग्रवाल ने चुनाव अधिकारी के रूप में शिरकत की थी। नई कार्यकारिणी में डॉ. देवेन्द्र सिंह डुल हरियाणा को अध्यक्ष, प्रो. डॉ० अजय रंगा पंजाब को महासचिव, दत्ता गोस्वामी महाराष्ट्र को कोषाध्यक्ष बनाया गया।