गाजियाबाद के अर्थला में साम्प्रदायिक तनाव,दिल्ली दंगे की तर्ज पर किया जिहादियों ने हमला।
- पुलिस मामले को दबा रही है,न्याय नही मिला तो हम अपने बच्चों का बदला स्वयं लगे–पीड़ित पक्ष।
- दिल्ली के दंगों में मुख्य आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन था ,यहाँ पार्षद दिलशाद मालिक।
- यहाँ भी दंगे में पत्थरों व धार दार हथियारों का प्रयोग किया गया।
- घर मे घुस कर महिलाओं व बच्चों पर चाकू चलाए तथा महिलाओं के साथ छेड छाड़।
सुर्या बुलेटिन(गाजियाबाद) बीती रात 15 मई को गाजियाबाद के अर्थला में एक हिन्दू परिवार के मकान को उस समय जिहादियों ने निशाना बनाया जब परिवार के मुखिया घर से बाहर थे तथा महिलाए व बच्चे घर पर थे,घर मे घुस कर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व कपड़े तो फाड़े ही गए साथ ही उन पर चाकुओ व लोहे की छड़ो से वार करके उनके सोने के आभूषणों को लूट ले गए।
घटना को अंजाम देने में क्षेत्रीय पार्षद दिलशाद भी मौजूद था।बता दे कि गाजियाबाद वार्ड नॉ.44 संजय कालोनी अर्थला में सुंदर यादव व मुंदर यादव दोनों भाइयों का परिवार रहता है,कल शाम लगभग 9:00 बजे एक मुस्लिम लड़को का गुरुफ गली में आकर खड़े हो गए और आपस मे अभद्र बाते कर जोर जोर से हँस रहे थे,तभी सुंदर ने बाहर जाकर घर की महिलाओं व लॉक डाउन का हवाला देते हुए उनसे वहाँ से जाने को कहाँ लेकिन इस बात को लेकर उन्होंने गली गलोच करनी सुरु कर दी,और जाते जाते कहकर गए कि तुझे देख लेंगे।पीड़ित पक्ष का कहना है कि वो सब दिलशाद(क्षेत्रीय पार्षद) के गुर्गे थे व हमले के समय दिलशाद भी साथ मौजूद था।लगभग एक घंटे बाद दिलशाद के साथ सैकड़ो लड़के पीड़ित के घर पहुँच गए।उस समय सुंदर व मुंदर दोनों भाईयों में से कोई भी घर पर नही था।जिहादियों की टीम ने पहले गली की स्ट्रीट लाइटो को बंद कर दिया साथ ही पड़ोसियों के घरों की कुंदी बाहर से लगा दी ताकि कोई बाहर न आसके,उसके बाद भीड़ ने पीड़ित के मकान पर पत्थर बरसाने सुरु कर दिए तथा 10-15 लोग घर मे घुस गए और औरतों व बच्चों पर बुरी तरह से हमला बोल दिया।जिसमें मोहित व लक्की(नाबालिक) को गंभीर चोटें आई है,मोहित को अस्पताल में खून की जबरजस्त उल्टी भी हुई है व सर तथा हाथ मे कभी टाँके भरे गए है,महिलाओं में सबिता की बहुत गंभीर चोट आई है सबिता के कुहले पर चाकुओ के गहरे घाव है जिनसे अभी भी खून का रिसाव हो रहा है।पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उनके कानों से दो जोड़ी सोने के कुंडल व दो सोने की चेन लूट ली गयी है।
सोर सरावा सुन कर पड़ोसी जैसे तैसे बाहर आये क्योकि उन्हें बाहर से बंद कर दिया गया था।पड़ोसियों को इखट्टा होते देख सारे असामाजिक तत्व भाग खड़े हुए।
पुलिस ने केवल मारपीट व छोटी धाराओं में मुकदमा लिखा:-
पीड़ित पक्ष जब 112 नॉम्बर पर कॉल करके साहिबाबाद थाने पहुँचा तो पोलिस ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश करते हुए मारपीट व छोटी धाराओं में मुकदमा लिख लिया।पीड़ित मुंदर का कहना है कि जब उससे कही की तहरीर लिख कर दो तो उसने कहा कि अभी वो लिखने में असमर्थ है पीड़ित अपने रिश्तेदारों के इंतजार में था क्योंकि बच्चों के चोटिल होने से उनका मानसिक स्तर ठीक नही था।