गाज़ियाबाद में गौरक्षा करना पड़ा महंगा, दरोगा ने गौरक्षकों पर किया लाठीचार्ज
ब्यूरो रिपोर्ट – आकाश निर्वाण यादव
सूर्या बुलेटिन न्यूज़ गाज़ियाबाद
बीती रात गाज़ियाबाद में गौरक्षा हिंदू दल के कार्यकर्ताओं को उस समय गौरक्षा करना महंगा पड़ गया जब विजयनगर बायपास चौकी प्रभारी राजकुमार ने अपने सहयोगी सिपाहियों के साथ मिलकर उन पर लाठीचार्ज कर डाली। गौरक्षा हिंदू दल के जिला अध्यक्ष मोनू गुर्जर ने सूर्य बुलेटिन न्यूज़ को जानकारी दी कि रात लगभग 11 बजे उन्हें अपने सूत्रों से गौमांस तस्करी की सूचना प्राप्त हुई।
जिसके तत्काल बाद मोनू गुर्जर व पवन तोमर अग्निवीर अपनी टीम के साथ विजयनगर बाईपास पहुंचकर गौमांस लेकर आ रही गाड़ी की प्रतीक्षा करने लगे। इसी बीच दरोगा राजकुमार अपने कुछ सिपाहियों समेत वहां आ पहुंचा तथा गौरक्षकों को धमकाने लगा। उन्होंने उसे सूचना दी कि गौमांस की तस्करी ट्रकों में भरकर की जा रही है किंतु उसने उनकी एक न सुनी तथा गौतस्करों को पकड़ने के स्थान पर उल्टा गौरक्षकों पर ही लाठियों से हमला कर डाला। इसी बीच गौतस्करों की एक गाड़ी हाथ से निकल गई किंतु दरोगा जी तो केवल गौरक्षकों को पीटने में व्यस्त थे।
किंतु मोनू और पवन ने विशाल बजरंगी की टीम के साथ मिलकर एक गौमांस से भरे ट्रक को अपनी जान पर खेलकर पकड़ लिया। विदित हो कि इस सारे मामले की सूचना इन संगठनों द्वारा 112 पर पुलिस को पहले से ही दे दी गई थी किंतु गाड़ी पकड़ने के बाद भी पुलिस 1 घंटे तक मौके पर नहीं पहुंची। सभी संगठनों ने पुलिस के इस लचर रवैए को देखते हुए एनएच 24 को जाम करने की चेतावनी दी। तब कहीं जाकर पुलिस के आला अधिकारियों की नींद खुली तथा लगभग 2 घंटे बाद एसएचओ घंटाघर कोतवाली तथा संबंधित सीओ मौके पर पहुंचे एवं उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।बहरहाल बरामद हुए मांस की लैब जांच का कोई अतापता अभी तक नहीं है ना ही कोई उचित कार्यवाही अब तक पुलिस की से देखने को मिली है। मोनू, पवन और विशाल बजरंगी ने अपनी अपनी टीम के साथ मृत गौवंश का अंतिम संस्कार हिंदू विधि विधान द्वारा किया जिसमें सुमित शर्मा, वरुण उपाध्याय, वेद नागर, जीतू पहलवान, मन्नू ठाकुर, जीतू चौधरी, पवन कुमार एडवोकेट, सनी कुमार, चेतन आर्य, संजीव आर्य, अरुण सक्सेना व अन्य की विशेष भूमिका रही।पूरे मामले में सुमित शर्मा अपने साथियों सतीश गुर्जर, देवा पंडित, राहुल पंडित, अंकित, नितिन, अशोक डेढ़ा व अन्य के साथ गौमांस से भरी गाड़ियों का पीछा कर रहे थे तथा अपनी जान पर खेलकर उन गाड़ियों को पकड़कर उन्होंने पुलिस को सुपुर्द किया।