गाज़ियाबाद

हिन्दुओ अगर गजवा ए हिन्द से अगर कोई तुम्हे बचा सकता है तो वो है आपका मजबूत बड़ा परिवार

सूर्या बुलेटिन (गाजियाबाद):जनसंख्या नियंत्रण :

हिंदुओ के आदर्शवाद का ढोंग।

आजकल #जनसंख्या_नियंत्रण कानून पर खूब बहस हो रही है। एक से एक तर्क वितर्क दिए जा रहे हैं। राष्ट्र की प्रगति और उन्नति के लिए हिंदुओ के द्वारा इस कानून की परिहार्यता की जमकर वकालत की जा रही है। लेकिन सरकार है कि उसके कान पर जू नहीं रेंगती।

कभी इस बात पर मनन किया कि सरकारे इस गम्भीर मुद्दे पर आखिर क्यूँ चुप्पी साधे रहती हैं। नेहरू से लेकर मोदी तक और बाल ठाकरे से लेकर योगी तक आखिर जनसंख्या नियंत्रण के पक्ष में हर किसी नेता की जुबान पे ताले क्यूँ लग जाते हैं ??

आजादी के बाद से आज तक, यहां तक कि मोदी शासन में भी…सरकार की कोई एक ऐसी योजना बता दो जो सिर्फ हिंदुओ को लक्षित करके हिंदुओं के हित में बनायी गयी हो ? जबकि मुसलमानो के हित में असंख्य योजनाए बनायी जाती रही हैं…..चाहे वो 370 लगाना हो या फिर 370 को हटाना हो, तीन तलाक का मुद्दा हो या फिर रोहंगियाओ को दामाद बना के रखना हो, सच्चर कमेटी की अनुशंसाए हो या फिर आईएस ,आईपीएस  से लेकर सेना तक में उनकी भर्ती के लिए स्पैशल ड्राइव हो।

सरकार का कोई एक फैसला मुझे याद नहीं आता जो मुसलमानो के “समग्र” देश द्रोह के खिलाफ लिया गया हो।

तो तो…फिर हिंदुओ का सरकार से जनसंख्या नियंत्रण जैसे कानून की माँग का ढोंग क्यो ??

क्या मिलेगा हिंदुओं को जनसंख्या नियंत्रण कानून से ??

अरे हिंदू तो पहले ही बच्चे पैदा नहीं करते।

मुसलामनो का मजहब कबीलो का मजहब है। उनके #कबीले में बंदो की संख्या जितनी अधिक होगी कबीला उतना ताकतवर होगा। हर मुसलमान का घर एक कबीला है, उनका हर मोहल्ला एक मुल्क है। वो पूरी तरह से अपना मजहबी कर्तव्य का पालन करने को अपने फ़रिश्तों से वचनबद्ध हैं। और वे अपना खून बहाकर भी उस वचन का पालन करते हैं।

और हिंदू ??

हिंदू क्या कर रहे हैं ??

आर्थिक सम्पन्नता को एकमात्र लक्ष्य बनाकर अपने परिवारो को बिसराते जा रहे हैं। हमारे धर्म का मूल है हमारा परिवार। पर परिवार हैं कहां ??

मैं जानना चाहता हूं कि कितने हिंदू परिवारो में रिश्ते नाते बचे हैं ?? कितने घरो में हिंदू परिवार के स्तंभ #पांच_रिश्ते अभी भी बचे हैं…चाचा, ताऊ, बुआ, मौसी और मामा।

जरा गिन कर बताओ।

ये पांचो रिश्ते होने के लिए हर परिवार में कम से कम चार भाई और दो बहन का होना आवश्यक है।

पर हैं कितने ??

सिर्फ एक या दो बहुत हद से हद तीन ??

तो रिश्ते नातो को तो हिंदुओ ने पहले ही तिलांजलि दे दी। बचा सिर्फ मैं और मेरी नौकरी। बूढ़े माँ बाप भी प्राय: #वृद्धाश्रम में मौत का इंतजार करते हैं। ना चाचा रहा ना चाची, ना मौसा रहा ना मौसी, ना बुआ रहा ना फूफा, ना मामा रहा ना मामी और ना ताऊ रहा ना ताई ….यहां तक कि ना दादा रहा ना दादी।

तो फिर हिंदू धर्म ही कहां रहा ??

पहले धर्म बचाओ फिर राष्ट्र की बात करना। फिर राष्ट्रहित में जनसँख्या नियंत्रण कानून की वकालत करना।

धर्म की रक्षा में असमर्थ लोग ना कभी राष्ट्र बना सकते और ना कभी राष्ट्र को बचा सकते हैं। तो पहले धर्म बचाओ। और धर्म के लिए अपना परिवार बचाओ।

परिवार बचाने के लिए कम से कम 8 बच्चे पैदा करो। मैं कह रहा हूं 8 बच्चे…और हिंदू लगे हैं चार बँगले बनाने में, चार फ्लैट खरीदने में…..हहाहाहहहाहा एक संतान और चार मकान। मूर्खता और मूढ़ता की पराकाष्ठा।

कान खोल कर सुन लो हिंदुओ…मांगने से जहर नहीं मिलता। और तुम देश बचाने के लिये जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर रहे हो ?? अरे निरी मूर्खता है ये। काम ऐसे करो कि दुश्मन त्राहिमाम-त्राहिमाम कर उठे।

कम ऐज में शादी करो और खूब बच्चे पैदा करो।

देश बाद में…. पहले हमारी संस्कृति और धर्म, पहले हमारे रीति और रिवाज। आज जो ये #होली, #दिवाली और #छठ पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं….क्यों ?? क्योकि खुद हमे ही अपने त्यौहारों का कुछ पता ना रहा….पिज़्ज़ा और बर्गर ही हमारी संस्कृति बन कर रह गयी…..दादी माँ के तिल के लड्डू और बहू बेटियों को होली और तीज का सिन्धारा और कोथली….ना जाने कहां खो गए।

मेरे हिंदू भाइयों आज से जनसँख्या नियंत्रण कानून की माँग बन्द करो। पहले अपना परिवार बचाओ, अपना धर्म बचाओ। अपनी संख्या बढ़ाओ…..और इतनी बढ़ाओ कि सरकार खुद-ब-खुद मजबूर हो जाए जनसँख्या नियंत्रण कानून लाने को।

गांठ बांध लो और अच्छे से जान लो….हिन्दुस्तान की हर सरकार मुसलमानो को समर्पित है। जब तक मुसलमानो के लिये कोई खतरा नहीं ……तब तक इन सरकारो को कुछ करना भी नहीं। तो ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करो….और अपनी संस्कृति अपना परिवार अपना धर्म बचाओ।

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