गाज़ियाबाद

उपनिरीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित -पीडि़त से घूस लेने का और लापरवाही का आरोप

सूर्या बुलेटिन(गाजियाबाद ): बाइक चोरी होने के बाद बरामद होने पर उसे पीडि़त के सुपुर्द करने के बजाए भ्रष्टाचार कर अनुचित लाभ प्राप्त करने के प्रयास के मामले में गोपनीय जांच के बाद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इंदिरापुरम थाने के 2 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, वही मामले के विवेचना अधिकारी उपनिरीक्षक को भी लापरवाही बरतने पर निलंबन किया है। पुलिस कप्तान द्वारा उठाए गए इस कदम से पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति है। एसएसपी ने कड़े लहजे में दो टूक कहा है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीडि़तों को हर स्थिति में इंसाफ मिलना चाहिए।
नोएडा के सेक्टर-59 निवासी गौरव नेगी एक मार्च को इंदिरापुरम में स्थित जयपुरिया मॉल आए थे। उन्होंने अपनी बाइक मॉल के बाहर खड़ी कर दी थी और मॉल में चले गए थे। थोड़ी देर बाद जब वह मॉल से बाहर आए थे तो उनकी बाइक वहां नहीं थी। इस पर उन्होंने बाइक की तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद बाइक चोरी की सूचना पुलिस को दी गई थी। बताया गया कि तीन मार्च को गौरव नेगी की बाइक को पुलिस ने बरामद कर लिया था। जिसे पीडि़त को देने की एवज में कांस्टेबल गजेंद्र और असरत अली भ्रष्टाचार पर अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए पीडि़त से इधर-उधर की बातें कर रहे थे। मामले की शिकायत पीडि़त द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी से की गई थी। जिस पर गोपनीय जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में मामला सही पाए जाने पर एसएसपी ने पुलिसकर्मी गजेंद्र और असरत अली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके साथ ही मामले की विवेचना अधिकारी उप निरीक्षक संदीप कुमार को भी निलंबित कर दिया। पुलिस कप्तान के इस कदम से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस कप्तान कलानिधि नैथानी को जिले का चार्ज संभाले एक साल से अधिक समय हो चुका है। इस दौरान वह दर्जनों पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई कर चुके हैं। गुरूवार को भी गोविंदपुरम चौकी प्रभारी अनिल कुमार को कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। अब इंदिरापुरम थाने के तीन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होने से पुलिस विभाग में अफरा-तफरी का माहौल है। एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि पीडि़त को हर स्थिति में समय पर इंसाफ मिलना चाहिए। चाहे इसके लिए दिन रात एक क्यों ना करने पड़े। तीनों पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई के बाद मामले की अग्रिम जांच सीओ इंदिरापुरम अंशु जैन को सौंपी गई है। उन्हें जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द कर उससे अवगत कराने के आदेश दिए हैं।

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