100 बात की एक बात, विकास के विकास का जिम्मेदार कौन।
मुरादनगर शमसान का कांड लोगो के मन-मस्तिष्क के साथ-साथ आँखों पर छाया हुआ है।देखा जाय तो ये कोई दुर्घटना तरह भुलाकर बैठ जाना।हमे इस नरसंहार के दोषियों को फाँसी की मांग करनी चाहिए।भला कैसे एक छोटी सी छत, बनने के केवल 3 महीने बाद ही भरभरा कर गिर जाती है वो भी बिना मौसम की एक छोटी सी बरसात में,जिसके के लिए एक अच्छा भला फंड पालिका से पास हुआ हो।एक समय था,जब मंदिर,धर्मशाला और खासकर शमसान के कार्यो में कोई भी व्यक्ति कमीशन तो दूर मेहनताना भी नही लेता था लेकिन समय बदल और लोग लाशो का सौदा करने लगे है।सौ बात की एक बात ये की इसमें केवल ठेकेदार,बाबू व छोटे लेबल के अधिकारी ही नही बल्कि कमीशन खाने वाले और भी लोग शामिल है।धरातल व पीड़ित परिवार की माने तो सीधे-सीधे पालिका अध्यक्ष विकास तेवतिया को बचाने की पुरजोर कोशिस की जा रही है,लोग सीधे बोल रहे है कि घटना का पता चलते ही विकास ने पहुँचना तो दूर अपने फोन तक बंद कर लिए थे और राजनेतिक संरक्षण के आशवासन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की ,जिससे लोगो मे बहुत रोस है।इसके अलावा ऑर्गेनिक शब्जी व दूध पीने व पिलाने जैसी बाते पब्लिक में चल रही है।जो हुआ बहुत निंदनीय व घृणात्मक हुआ इसके लिए कोई भी दोषी बचना नही चाहिए।सुर्या बुलेटिन टीम अंत तक इस लड़ाई को लड़ेगी व इस माह की पत्रिका में काफी खुलासा आपके समक्ष रखने की कोशिस करेंगे।