डॉक्टरों ने उपचार में की लापरवाही, गई युवती की जान
बिना जरूरत किया गया युवती का ऑपरेशन
नहीं की गई जरूरी जांच, जनरल सर्जन की भी राय नहीं ली गई
मणिपाल अस्पताल के 3 डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर
सूर्या बुलेटिन
गाजियाबाद। मामूली बीमारी के चलते डॉक्टर के पास गई प्रिया वर्मा (21) को क्या पता था कि यह उसके जीवन की अंतिम गलती होगी। डॉक्टर ने प्रिया को रीढ़ की हड्डी में परेशानी बताते हुए ऑपरेशन की सलाह दी और ऑपरेशन के दौरान ओटी टेबल पर ही प्रिया की मौत हो गई। परिजनों ने इस मामले में ऑपरेशन करने वाले तीन डॉक्टरों के खिलाफ गलत दवाएं देने और एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन देने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। मामले में सीएमओ कार्यालय स्तर से हुई जांच में डॉक्टरों की लापरवाही बताई गई। मामले में कविनगर थाने में अस्पताल के तीन डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके पुलिस ने कार्रवाई शुरु कर दी है।
कविनगर क्षेत्र की विश्वास नगर कॉलोनी में रहने वाले राजबीर सिंह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हैं। उनकी दो बेटी और एक बेटा था। राजबीर सिंह ने बताया कि उनकी मंझली बेटी प्रिया वर्मा कोलंबिया एशिया अस्पताल में एचआर मैनेजर थीं। अस्पताल को मनीपाल ग्रुप ने खरीद लिया, जिसके बाद उसका नाम मणिपाल अस्पताल हो गया था। नए संचालकों ने अस्पताल में कार्यरत सभी स्टाफ का हेल्थ इंश्योरेंस करवाया था। उनकी बेटी को मामूली बीमारी हुई थी। राजबीर सिंह के अनुसार प्रिया 18 अक्टूबर अपने घर से पैदल ही अस्पताल तक गई थीं और वहां न्यूरो सर्जन डॉ. गजेंद्र सिंह संधू को दिखाया। डॉ. संधू ने प्रिया की रीढ़ की हड्डी में परेशानी बताकर 20 अक्टूबर 2023 को उसका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन करने वालों में डॉ. संधू, डॉ. अजय शर्मा और डॉ. पवन कुमार शामिल थे। डॉक्टरों की लापरवाही से ऑपरेशन के दौरान प्रिया की हालत खराब हो गई और टेबल पर ही उसने दम तोड़ दिया। राजबीर सिंह का आरोप है कि उनकी बेटी को ऑपरेशन की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन डॉक्टरों ने धन उगाही के उद्देश्य से जबरन उसका ऑपरेशन किया और गलत दवाएं और एक्सपायरी इंजेक्शन दिए, जिसके कारण उनकी बेटी की ऑपरेशन के दौरान ही मौत हो गई। राजबीर सिंह ने इस मामले में पुलिस और सीएमओ से शिकायत की थी। सीएमओ स्तर से की गई जांच में कोई निष्कर्ष नहीं निकलने और किसी न्यूरो सर्जन द्वारा जांच किए जाने की जरूरत को समझते हुए मामले की जांच के लिए मेरठ के एलएलआरएम कॉलेज या यूपी मेडिकल काउंसिल से करवाए जाने की संस्तुति की गई। एलएलआरएम कॉलेज की तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की। जिसमें न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अखिल प्रकाश शर्मा, न्यूरो सर्जन डॉ. देवेंद्र कुमार और डॉ. दीपिका सागर शामिल थे। कमिटी की जांच में पाया गया कि प्रिया को ऑपरेशन की जरूरत नहीं थी। इसके अलावा प्रिया को पेट और सीने में दर्द की शिकायत थी, जिसकी जांच के लिए अल्ट्रासाउंड नहीं किया गया था। जब ऑपरेशन के दौरान प्रिया की हालत खराब हुई तब सीपीआर देने के दौरान अल्ट्रासाउंड किया गया। इसके अलावा ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों ने परेशानी होने के बावजूद जनरल सर्जन से राय भी नहीं ली। जांच में डॉक्टरों की लापरावाही बरतने की बात सामने आने के बाद कविनगर पुलिस ने तीनों डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।