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सरकार के महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों की पहली ही बारिश में खुल गई पोल

अयोध्या के श्री राम मंदिर में आया पानी
महाराष्ट्र के अटल सेतु पर दिखी दरारें
जबलपुर के एयरपोर्ट की छत गिरी
दिल्ली के इंदिरागांधी एयरपोर्ट की छत गिरी

सूर्या बुलेटिन
गाजियाबाद। इंडिया शाइनिंग! यह नारा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान दिया गया था। मौजूदा सरकार ने अब उसके जैसे कई नारे दिए हैं। जिनके तहत देश में निर्माण कार्य बेहद तेजी के साथ किए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले देश भर में कई बड़े निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया। हालांकि उनमें से कई निर्माण कार्यों की पिछले दिनों से दुर्दशा देखने को मिल रही है। बारिश ने इन सभी निर्माणों की मजबूती की पोल खोल कर रखी दी है। अयोध्या का श्रीराम मंदिर, महाराष्ट्र का अटल सेतु, जबलपुर का एयरपोर्ट और दिल्ली का इंदिरा गांधी एयरपोर्ट। इन सभी के निर्माण और रखरखाव में बरती गई लापरवाही की पोल बारिश ने खोल दी है। इसके अलावा अन्य कई और बेहतर निर्माण भी धराशाई हो रहे हैं।


सबसे पहले बात करते हैं अयोध्या में बने भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले ही मंदिर का लोकापर्ण किया। अब पहली बारिश में मंदिर के गर्भ गृह में पानी टपक रहा है। इस निर्माण कार्य का शायद परीक्षण नहीं किया गया था। मंदिर के लोकार्पण को लेकर शंकराचार्यों ने खासा विरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने उस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अब मंदिर के गर्भ गृह में पानी टपक रहा है तो निर्माण कार्य को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में बनाया गया अटल सेतु भी निर्माण कार्य में की गई लापरवाही को दर्शा रहा है। अटल सेतु में दरारों की फोटो सोशल मीडिया पर घूम रही हैं। निर्माण ऐजेंसी सफाई दे रही है कि दरार सेतु में नहीं बल्कि उसकी सर्विस रोड पर आई हैं। सर्विस रोड भी तो अटल सेतु का ही हिस्सा है और उसका निर्माण भी सेतु बनाने वाली एजेंसी ने ही किया था। इसके अलावा जबलपुर एयरपोर्ट की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई है। छत का एक हिस्सा टूट कर कार पर गिर गया। दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की छत क्षतिग्रस्त हो गई।


राम मंदिर में पानी टपकने का मामला
अयोध्या में निर्माणाधीन राममंदिर में पानी टपकने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। सबसे पहले मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने यह मुद्दा उठाया था। अब श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सफाई दी है। उन्होंने बिन्दुवार बताया है कि कहां और क्यों पानी टपका. इसी के साथ उन्होंने साफ कर दिया कि मंदिर के निर्माण में ना तो कोई लापरवाही हो रही है और ना ही इसमें कोई गड़बड़ी है। मामला तूल पकड़ने के बाद सोशल मीडिया पर चंपत राय ने ट्रस्ट की ओर से सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं, वहां एक बूंद भी पानी नहीं टपका है और ना ही किसी भी रास्ते से मंदिर के गर्भगृह में पानी आया है। कहा कि गर्भगृह के आगे पूर्व दिशा में मंडप है, इसे गूढ़मण्डप कहा जाता है। यहां मंदिर के द्वितीय तल की छत का कार्य पूर्ण होने के पश्चात (भूतल से लगभग 60 फीट ऊंचा) घुम्मट जुड़ेगा और मंडप की छत बन्द हो जाएगी। इस मंडप का क्षेत्र 35 फीट व्यास का है. फिलहाल इसे अस्थायी रूप से प्रथम तल पर ही ढंका गया है। उन्होंने बताया कि इसे देखने पर यह लग सकता है कि छत से पानी टपक रहा है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि मन्दिर एवं परकोटा परिसर में बरसात के पानी की निकासी के बेहतर इंतजाम हैं। कितनी भी बारिश हो, एक बूंद भी पानी मंदिर परिसर में नहीं रुकने वाला।
जबलपुर एयरपोर्ट की छत टूटी
मध्य प्रदेश के जबलपुर में 450 करोड़ की लागत से नवनिर्मित डुमना एयरपोर्ट में 27 जून को एक बड़ा हादसा टल गया। साढ़े चार सौ करोड़ की लागत से बनी एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग के ड्राप एंड गो एरिया में टेंसिल रूफ फटने से पानी का सैलाब सा आ गया और एक कार चकनाचूर हो गई। इस घटना में आयकर विभाग के एक अधिकारी और उनका ड्राइवर बाल-बाल बच गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बता दे कि, जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण 450 करोड़ की लागत से हुआ है.इसका लोकार्पण 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल मोड में किया था। एयरपोर्ट में घटिया निर्माण कार्य की पोल पहली बारिश में ही खुल गई. एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग के सामने लगाई गई टेंसिल रूफ पहली बारिश झेल नहीं पाई। 27 जून की सुबह 11.30 बजे के आसपास बारिश के बाद पानी भर जाने के कारण उसका एक हिस्सा टूटकर कर गिर गया। लोगों का कहना है कि यह घटना पहाड़ी इलाकों में बदल फटने जैसी थी। इससे टेंसिल रूफ नीचे खड़ी एक सरकारी गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। दरअसल, जबलपुर एयरपोर्ट के नवनिर्मित टर्मिनल बिल्डिंग में एंट्री से पहले ड्रॉप एंड गो एरिया में खूबसूरत टेंसिल रूफ लगाया गया है। इसके ऊपर की ड्रेन लाइन चोक होने से पहली बारिश में ही इस टेंसिल रूफ का एक हिस्सा गिर गया। नवनिर्मित एयरपोर्ट की पहले ही बारिश में टेंसिल रूफ गिर जाने से निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एयरपोर्ट डायरेक्टर राजीव रत्न पांडे ने इस हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं।
अटल सेतु में दरार
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने सड़क पर दरारों की ओर इशारा करते हुए अतुल सेतु समुद्री पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसे मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के रूप में भी जाना जाता है, जो दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है। पुल का निरीक्षण करने वाले पटोले ने दावा किया कि पुल की निर्माण गुणवत्ता खराब थी और सड़क का एक हिस्सा एक फुट तक टूट गया है। हाथ में एक लकड़ी का डंडा लेकर उसने मामले की गंभीरता को उजागर करते हुए दरारों के बीच की जगह में उसे नीचे कर दिया। नाना पटोले ने कहा कि उद्घाटन के तीन महीने के भीतर अटल सेतु पुल के एक हिस्से में दरारें आ गई हैं और नवी मुंबई के पास सड़क का आधा किलोमीटर लंबा हिस्सा एक फुट तक धंस गया है। राज्य ने एमटीएचएल के लिए 18,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा कि दरारें पुल पर नहीं, बल्कि नवी मुंबई में उल्वे से संपर्क मार्ग पर थीं। परियोजना प्रमुख कैलाश गनात्रा ने कहा कि यह एक सर्विस रोड है। यह मुख्य पुल को जोड़ने वाला हिस्सा है। ये छोटी दरारें हैं और इन्हें भरा जा रहा है और इसकी मरम्मत कर दी जाएगी। इसके कारण यातायात में कोई बाधा नहीं आई है।
दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर हादसा
दिल्ली में भारी बारिश के बीच 28 जून की सुबह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा हो गया. एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा वहां खड़े वाहनों पर गिर गया, जिसकी वजह से एक शख्स की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापू ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। राम मोहन नायडू ने कहा कि भारी बारिश की वजह से एयरपोर्ट के बाहर स्थित छत का एक हिस्सा ढह गया। मैं इस दुर्घटना में मारे लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। इस हादसे में चार लोग घायल हुए हैं. फिलहाल उनकी देखभाल की जा रही है. हादसे की जानकारी मिलते ही हमने तुरंत इमरजेंसी टीम, अग्नि सुरक्षा टीम, सीआईएसएफ और एनडीआरएफ टीमों को भेजा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर जरूरी टीम घटनास्थल पर मौजूद रही है और उन्होंने गहन निरीक्षण किया, ताकि कोई अन्य हताहत नहीं हो। फिलहाल हालात काबू में हैं। टर्मिनल बिल्डिंग के बाकी हिस्से को बंद कर दिया गया है और हर चीज की गहनता से जांच की जा रही है ताकि यहां आगे कोई अप्रिय घटना न हो।

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