गर्मी से 9 महीने के बच्चे और 55 साल के बुजुर्ग की मौत
ओपीडी में घटी मरीजों की संख्या
सूर्या बुलेटिन, गाजियाबाद
तापमान में कमी के बावजूद गर्मी की चपेट में आने से मौत होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को एक 9 महीने के बच्चे और 55 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। परिजनों ने दोनों के पोस्टमॉर्टम के इनकार कर दिया और शव को घर ले गए। वहीं, ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या शनिवार को खासी कम रही।
क्रॉसिंग रिपब्लिक में स्टेप वन स्कूल के पास रहने वाले राकेश के बेटे तुषार (9 माह) को पिछले एक सप्ताह से लूज मोशन और बुखार था। राकेश पास के ही एक डॉक्टर से उसका उपचार करवा रहे थे। रात में लगभग एक बजे तुषार की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई और वह बेहोश हो गया। जिसके बाद 108 एंबुलेंस के जरिए उसे एमएमजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद तुषार को मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा विजय नगर के न्यू शांति नगर में रहने वाले चंद्रपाल सिंह (55) शनिवार तड़के घर में ही अचानक बेहोश हो गए थे। उनका बेट प्रदीप उन्हें सवा चार बजे एमएमजी अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार चंद्रपाल को डिहाइड्रेशन की समस्या थी। परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया और शव अपने साथ ले गए।
ओपीडी में घटी मरीजों की संख्या
शुक्रवार को हुई बारिश के बाद तापमान में राहत है, लेकिन उमस बढ़ गई है। तापमान में कमी आने के चलते शनिवार को एमएमजी और कंबाइंड अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या मेंं खासी कमी रही। एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में 1314 मरीज पहुंचे, जबकि सामान्य तौर पर मरीजों की संख्या 2 हजार के आसपास रहती है। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में बच्चों की संख्या 251 और बुखार के मरीजों की संख्या 353 रही। इमरजेंसी में 92 मरीज पहुंचे, जिनमें से 27 को भर्ती करने की जरूरत पड़ी। इसके अलावा कंबाइंड अस्पताल की ओपीडी में शनिवार को 641 मरीज पहुंचे। इनमें बच्चों की संख्या 132 और बुखार के मरीजों की संख्या 189 रही। कंबाइंड अस्पताल की इमरजेंसी में शनिवार को 68 मरीज पहुंचे, जिनमें अधिकांश डायरिया और हीट वेव के थे। इनमें से 18 मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी।
वर्जन
तापमान में कमी आने से मरीजों की संख्या में कमी आई है, लेकिन लोगों को अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है। शरीर में पानी की कमी न होने दें और खानपान में सावधानी बरतें।
डॉ. राकेश कुमार, सीएमएस, एमएमजी अस्पताल