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अस्पताल स्टाफ के दुर्व्यवहार से आहत होकर छात्रा ने की थी खुदकुशी !

स्वास्थ्य विभाग आरोपी डॉक्टर और स्टाफ को बचाने में जुटा
सूर्या बुलेटिन, गाजियाबाद
मोदीनगर में दुष्कर्म पीड़ित 13 साल की छात्र के आत्महत्या के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिन बाद भी छात्रा के साथ दुर्व्यवहार करने वाली महिला डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। हालांकि मामले को लेकर सीएमओ ने जांच कमिटी गठित करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश जरूर दिए हैं। आरोप है कि पुलिस के साथ 18 जून मंगलवार की रात मेडिकल के लिए कंबाइंड अस्पताल पहुंची डरी सहमी छात्रा के साथ अस्पताल से स्टाफ ने दुर्व्यवहार किया और ड्यूटी पर मौजूद महिला डॉक्टर ने रात में मेडिकल करने से इनकार कर दिया। 19 जून बुधवार को भी दोबारा मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचने पर छात्रा के साथ स्टाफ ने दुर्व्यवहार किया। माना जा है कि इसी से आहत होकर घर पहुंचने के बाद छात्रा ने आत्महत्या जैसे कदम उठाया। अब अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहा हैं और महिला डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मोदीनगर की एक कॉलोनी में बुधवार शाम को दुष्कर्म पीडिता 13 वर्षीय छात्रा ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा की कृष्णा नगर कॉलोनी निवासी हिमांशु सोनी के साथ इंस्टाग्राम के माध्यम से दोस्ती हो गई थी। सोमवार शाम को उसने उपने दोस्त के ओयो होटल में बुलाकर दुष्कर्म किया। घटना के बाद छात्रा गुमसुम रहने पर परिजनों को शक हुआ तो उन्हें छात्रा से पूछताछ में घटना का पता चला। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके छात्रा को मेडिकल के लिए पहले सीएचसी भेजा। जहां से छात्रा को संजय नगर स्थित कंबााइंड अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। आरोप है कि मंगलवार रात को ड्यूटी पर एलएमओ डॉ. रिन्नी ने छात्रा का मेडिकल नहीं किया और अगले दिन सुबह मेडिकल के लिए बुलाया। अगले दिन दो बजे छात्रा का मेडिकल हुआ और बुधवार शाम दुष्कर्म पीड़ित छात्रा ने खुदकुशी कर ली। इस मामले में पुलिस ने दुष्कर्मा के आरोपी समेत होटल संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
मेडिकल के दौरान छात्रा से बदसलूकी
छात्रा के खुदकुशी करने के बाद पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि मंगलवार रात को छात्रा का मेडिकल नहीं हुआ और उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और बुधवार को भी मेडिकल के दौरान पैरामेडिकल स्टाफ ने छात्रा के साथ दुर्व्यवहार किया था। जिससे वह डिप्रेशन में आ गई और घर पहुंचते ही उसने जान देने जैसा कदम उठाया। पुलिस की जांच में पता चला है कि मेडिकल के समय लाल कपड़े पहनी पैरामेडिकल स्टाफ ने छात्रा को खरी-खोटी सुनाई थी। इससे छात्रा परेशान हो गई थी। इसकी सूचना पुलिस ने सीएमओ को दी है। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर नें बताया कि पुलिस के आरोपों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए मेडिकल के दौरान के वीडियो फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
आरोपियों को बचाने का हो रहा प्रयास
इस मामले में 22 जून शनिवार तक भी स्वास्थ्य विभाग जांच पूरी नहीं कर सका था और न ही आरोपी डॉ. रिन्नी ने रात में मेडिकल नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण दिया था। वहीं,सीसीटीवी फुटेज को लेकर भी कंबाइंड अस्पताल प्रबंधन और सीएमओ कार्यालय से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों की लापरवाही से लगता है कि मामले में फंसी महिला डॉक्टर और छात्रा से दुर्व्यवहार करने वाले स्टाफ को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे भी सरकारी अस्पतालों में मरीजों और पीड़ितों के साथ स्टाफ और डॉक्टर अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। पिछले दिनों एमएमजी अस्पताल में स्टाफ के दुर्व्यवहार और लापरवाही के कारण एक 16 साल की किशोरी की मौत हो गई थी। मामले में अस्पताल प्रबंधन ने जांच के बाद आरोपी स्टाफ को क्लीन चिट दे दी थी। जिसके बाद किशोरी मां ने सीएम पोर्टल पर शिकायत करके न्याय की गुहार लगाई है।
डॉ. भवतोष शंखधर, सीएमओ, गाजियाबाद
कंबााइंड अस्पताल प्रबंधन को जांच कमेटी बनाकर तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट और कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को भी भेजी जाएगी।

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