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गाजियाबाद सीट पर 15 साल बाद स्थानीय बना सांसद

गाजियाबाद के सांसद  बने अतुल गर्ग

टिकट से लेकर मतगणना तक अतुल गर्ग ने दी विरोधियों को पटखनी

अतुल गर्ग लाखो वोटो से चल रहे आगे

अतुल गर्ग को मिली 853036 वोट, गाजियाबाद में 336337 के मार्जन से जीती भाजपा


सूर्या बुलेटिन(गाजियाबाद) गाजियाबाद के सदर विधायक अतुल गर्ग ने कई दिग्गजों को पटखनी देते हुए गाजियाबाद लोकसभा सीट से टिकट हासिल किया और अब बंपर वोटों से जीत भी हासिल कर ली। गाजियाबाद लोकसभा सीट को भाजपा के लिए अत्यंत सुरक्षित सीट माना जाता है, जिसके कारण केंद्रीय नेतृत्व प्रत्याशी के तौर पर यहां किसी भी तरह का प्रयोग करने में ज्यादा विचार नहीं करता है। लेकिन, इस बार गाजियाबाद सीट के लिए अंतिम क्षणों तक मंथन चलता रहा और अंत में अतुल गर्ग का नाम फाइनल कर दिया गया। अतुल गर्ग गाजियाबाद से भाजपा के सांसद प्रत्याशी घोषित होते ही चुनाव प्रबंधन को लेकर सक्रिय हो गए थे। लगातार चले चुनाव प्रचार में अथक मेहनत और कार्यकर्ताओं से सहयोग से उन्होंने जीत हासिल कर ली। 

लोकसभा चुनाव के लिए 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी और गाजियाबाद में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना था। होली से पहले अपने सभी प्रतिद्वंदियों को पटखनी देते हुए अतुल गर्ग ने गाजियाबाद लोकसभा सीट के लिए टिकट हासिल कर लिया था। टिकट मिलने के बाद अतुल गर्ग ने चुनावी कैंपेन शुरु कर दिया। शुरुआती दौर में ही गाजियाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो हुआ, जिसके बाद चुनावी माहौल अतुल गर्ग के पक्ष में बन गया था। अतुल गर्ग ने प्रतिदिन 20 से ज्यादा जनसभाओं और चुनावी कार्यक्रमों को संबोधित किया। उनका चुनाव कार्यक्रम सुबह 9 बजे से रात के 12 बजे तक चलता रहता था। कड़ी मेहनत के बल पर अतुल गर्ग ने गाजियाबाद में चुनावी माहौल को अपने पक्ष में किया। हालांकि गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही थी और एक समय तो यह भी लगने लगा था कि डॉली शर्मा उन्हें कड़ी टक्कर दे सकती हैं। मतगणना के परिणाम ने बता दिया कि गाजियाबाद लोकसभा सीट को मतदाताओं ने भाजपा के लिए रिजर्व कर रखा है। यहां किसी और दल के प्रत्याशी के लिए बहुत ज्यादा संभावनाएं नहीं है। 

ये भी थे टिकट की दौड़ में 

गाजियाबाद लोकसभा सीट से टिकट की दौड़ में कई दिग्गज शामिल थे। इनमें पहला नाम भाजपा के केंद्रीय महामंत्री अरुण सिंह का था, लेकिन उन्हें आंध्र प्रदेश का चुनाव प्रभारी बना दिया गया, जिसके चलते वह टिकट की दौड़ से बाहर हो गए। उनके बाद राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, कवि कुमार विश्वास का नाम इस दौड़ में शामिल था और रिटा. जनरल वीके सिंह का नाम पहले स्थान पर चल रहा था। रविवार को टिकटों का निर्धारण करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व की महत्वपूर्ण बैठक भी हुई। रविवार को ही रिटा. एयर चीफ मार्शल आरकेएक भदौरिया ने भी भाजपा का दामन थामा, जिसके बाद उनका नाम भी गाजियाबाद लोकसभा सीट से टिकट की दौड़ में शामिल माना गया। लेकिन, केंद्रीय नेतृत्व ने गाजियाबाद लोकसभा सीट से अतुल गर्ग को पार्टी प्रत्याशी बनाया। अतुल गर्ग ने कहा था कि पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है और वह पूरी मजबूती के साथ गाजियाबाद में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और पार्टी के लिए बहुमत से जीत हासिल करेंगे।


प्रदेश में राज्यमंत्री रह चुके हैं अतुल गर्ग


उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में अतुल गर्ग गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और योगी मंत्रिमंडल में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया था। अतुल गर्ग पहले खाद्य एवं औषिधि राज्यमंत्री रहे और फिर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के तौर पर योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कार्य किया। अतुल गर्ग का कहना है कि सांसद बनने के बाद वह क्षेत्र की जनता के लिए और भी बेहतर कार्य करने का प्रयास करेंगे।


अतुल गर्ग के सांसद बनने से होगा जनता को लाभ


अतुल गर्ग गाजियाबाद में ही निवास करते हैं और गाजियाबाद की जनता और जरूरतों को ज्यादा समझते हैं। इससे पहले गाजियाबाद से राजनाथ सिंह सांसद रहे जो केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बने थे। इसके अलावा राजनाथ सिंह गाजियाबाद से नहीं थे।  इसके कारण क्षेत्र की जनता की उन तक पहुंच सीमित ही थी। राजनाथ सिंह के बाद वीके सिंह गाजियाबाद के सांसद बने और केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। वीके सिंह भी दिल्ली में रहते हैं और गाजियाबाद में उनका कैंप कार्यालय या निवास है। वीके सिंह गाजियाबाद स्थित आवास पर साल भर में तीन या चार बार ही आते थे। जिसके कारण जनता की पहुंच उन तक भी नहीं थी। अब 15 वर्ष बाद गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र की जनता को स्थानीय सांसद मिला है। अतुल गर्ग के गाजियाबाद सांसद बनने से गाजियाबाद के मतदाताओं को लाभ होगा। मतदाता कभी भी उनसे जाकर मिल सकते हैं और अपनी समस्या उन्हें बता सकते हैं। 

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