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शिवशक्ति धाम डासना में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई माँ बगलामुखी जयंती

एक दिन मक्का के काबा में फिर से मां और महादेव के महायज्ञ करने का संकल्प हर सनातनी को देगे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज

माँ बगलामुखी और महादेव की शरण में आकर ही सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा का लक्ष्य सम्भव-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी

शिवशक्ति धाम डासना के यति सन्यासी सम्पूर्ण विश्व को माँ बगलामुखी और महादेव के यज्ञ से पवित्र करेंगे

आज शिवशक्ति धाम डासना में माँ बगलामुखी की जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।माँ बगलामुखी जयंती का शुभारंभ पारदेश्वर महादेव पर रुद्राभिषेक के साथ आरम्भ हुआ।विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक के बाद माँ बगलामुखी और महादेव का महायज्ञ आरम्भ हुआ।आज महायज्ञ के मुख्य यजमान पंडित गंगाशरण शर्मा जी व उनकी धर्मपत्नी शशि शर्मा जी रही।
महायज्ञ में बड़ी संख्या में भक्तो ने भाग लेकर माँ और महादेव से सनातन धर्म की रक्षा की प्रार्थना की। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज व सनोज शास्त्री जी ने पूर्णाहुति सम्पन्न करवाई।
महायज्ञ के आयोजन में मुख्य भूमिका डॉ उदिता,हरिनारायण सारस्वत, अनिल यादव,शशि चौहान व बृजमोहन सिंह की रही।
आज के महायज्ञ के आचार्य पंडित सनोज शास्त्री जी थे।
माँ बगलामुखी जयंती के अवसर पर माँ बगलामुखी की शक्तियों के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि भक्तगणों के लिये माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है जो उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओ की पूर्ति करने में सक्षम है।सनातन धर्म मे माँ बगलामुखी को श्री,विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है। महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य,शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है।भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे जिन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त की।भगवान परशुराम ने माँ बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित अपने पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया।महापराक्रमी इंद्रजीत मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी माँ बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे।सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओ ने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना और भक्ति से ही स्वयम को महान बनाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है,उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा।आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमने सच्ची साधना करके मां और महादेव की शक्तियों को जागृत कर लिया तो एक दिन फिर से मक्का के काबा में मां और महादेव के महायज्ञ होगे जो मोहम्मद ने मां की मूर्तियों को तोड़ कर बंद करवा दिए थे।सभी हिन्दुओ को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत,संस्थागत, दलगत तथा राजनैतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर महायज्ञ अभियान में सम्मिलित होना चाहिये।हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा।
उन्होंने सभी हिन्दुओ से इस महान अभियान में तन,मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया।
माँ बगलामुखी की जयंती पर यति निर्भयानंद जी व यति रणसिंहनन्द जी ने संकल्प लिया कि वो माँ बगलामुखी व महादेव के महायज्ञ के द्वारा सम्पूर्ण विश्व को पवित्र करेंगे।
आज महायज्ञ में सारस्वत ब्राह्मण सभा के महामंत्री श्री हरिनारायण सारस्वत,जे पी कौशिक,अनिल राय दुबे जी,अनूप अहलूवालिया,आनंद त्यागी,अरविंद तिवारी,विष्णु कुमार शुक्ला,राजीव अग्रवाल, अंकित वर्मा,अंकुर जावला तथा अन्य भक्तगणो ने भाग लिया।

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