गाज़ियाबाद

100 बात की एक बात मदनी का बयान सनातन के मूल पर प्रहार

मदनी का बयान सनातन के मूल पर प्रहार

जमीयते उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी के बयान ने संपूर्ण सनातन धर्म पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। हाल ही में हुए एक समरसता सम्मेलन में महमूद मदनी ने संपूर्ण सनातन ही नहीं अपितु हिंदुओं के सभी देवी देवताओं सभी धर्म ग्रंथ और वेदों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है महमूद मदनी के बयान के अनुसार यह सिद्ध होता है की उपरोक्त में से कुछ भी सत्य नहीं है साथ ही साथ उन्होंने हिंदुओं के सबसे बड़े ईश देवआदि देव महादेव भगवान शिव पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया उन्होंने भगवान शिव के अस्तित्व को ही नकार दिया लेकिन देखने वाली बात यह है की केवल जैन धर्म के आचार्य लोकेश मुनी के अलावा किसी ने भी मदनी को जवाब नहीं दिया उसके बाद श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी इनके अलावा पूरे देश से किसी भी साधु संत संगठन या हिंदूवादी सरकारों के किसी भी प्रमुख का कोई प्रतिक्रिया नहीं आई इससे साफ स्पष्ट होता है की देश के हिंदुओं ने इस्लाम को स्वीकार करने का मन बना लिया है यदि ऐसा नहीं होता तो हिंदू सनातन के इस अपमान को कदापि बर्दाश्त नहीं करता लेकिन अब लगता है के समस्त सनातनीयों ने राजनीति को ही धर्म मान लिया है लेकिन इस्लाम को मानने वाले केवल अपने मजहब पर अड़े हुए हैं सौ बात की एक बात यह है की मदनी का बयान सनातन के मूल पर प्रहार है जिसे सभी सनातनी आराम से हजम कर बैठे हैं और केवल अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं हिंदू पूर्ण रूप से संगठनों और सरकारों के ऊपर निर्भर हो चुका है इस बात से तय हो चुका है की भारत इस्लामिक राष्ट्र बनना तय है।

मदनी का बयान सनातन के मूल पर प्रहार

जमीयते उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी के बयान ने संपूर्ण सनातन धर्म पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। हाल ही में हुए एक समरसता सम्मेलन में महमूद मदनी ने संपूर्ण सनातन ही नहीं अपितु हिंदुओं के सभी देवी देवताओं सभी धर्म ग्रंथ और वेदों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है महमूद मदनी के बयान के अनुसार यह सिद्ध होता है की उपरोक्त में से कुछ भी सत्य नहीं है साथ ही साथ उन्होंने हिंदुओं के सबसे बड़े ईश देवआदि देव महादेव भगवान शिव पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया उन्होंने भगवान शिव के अस्तित्व को ही नकार दिया लेकिन देखने वाली बात यह है की केवल जैन धर्म के आचार्य लोकेश मुनी के अलावा किसी ने भी मदनी को जवाब नहीं दिया उसके बाद श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी इनके अलावा पूरे देश से किसी भी साधु संत संगठन या हिंदूवादी सरकारों के किसी भी प्रमुख का कोई प्रतिक्रिया नहीं आई इससे साफ स्पष्ट होता है की देश के हिंदुओं ने इस्लाम को स्वीकार करने का मन बना लिया है यदि ऐसा नहीं होता तो हिंदू सनातन के इस अपमान को कदापि बर्दाश्त नहीं करता लेकिन अब लगता है के समस्त सनातनीयों ने राजनीति को ही धर्म मान लिया है लेकिन इस्लाम को मानने वाले केवल अपने मजहब पर अड़े हुए हैं सौ बात की एक बात यह है की मदनी का बयान सनातन के मूल पर प्रहार है जिसे सभी सनातनी आराम से हजम कर बैठे हैं और केवल अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं हिंदू पूर्ण रूप से संगठनों और सरकारों के ऊपर निर्भर हो चुका है इस बात से तय हो चुका है की भारत इस्लामिक राष्ट्र बनना तय है।

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