लग्जरी गाड़ी खरीदने पर रोक, सैर-सपाटा बंद; जानें CM योगी ने कैसे टारगेट दे मंत्रियों को काम पर लगाया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को 100 दिन का टारगेट देते हुए उन्हें कहा है कि फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं। सीएम योगी ने मंत्रियों को यह भी हिदायत दी है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त ना करें।
सूर्या बुलेटिन : उत्तर प्रदेश में 5 साल तक सरकार चलाने के बाद सत्ता में वापसी का रिकॉर्ड बनाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ के तुरंत बाद ना सिर्फ खुद काम संभाल लिया है, बल्कि अपने 52 मंत्रियों को काम पर लगा दिया है। उन्होंने शुरुआत में ही मंत्रियों को साफ संदेश दे दिया है कि योगी के कैबिनेट में यदि मौका मिला है तो उन्हें काम करके दिखाना होगा। मुख्यमंत्री ने फिजूलखर्ची, लग्जरी गाड़ियों से दूर रहने की हिदायत देते हुए कहा है कि सभी को प्रदेश में रहकर लगातार काम करना होगा। 100 दिन का टारगेट थमाने के साथ ही सरकार ने मंत्रियों के सैर सपाटे पर भी रोक लगा दी है।
सरकारी खजाने का ना हो दुरुपयोग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त मंत्रियों को अपनी सरकार के शुरुआती 100 दिनों के कामकाज का अजेंडा सौंपते हुए सरकारी खजाने का दुरुपयोग रोकने और सरकार में अनुशासन का वातावरण बनाने की सख्त हिदायद दी है। योगी ने बतौर मुख्यमंत्री अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत 25 मार्च को शपथ ग्रहण करने के बाद, ताबड़तोड़ फैसले करना शुरू कर दिए हैं, जिससे सरकार के कामकाज की गति को तेज किया जा सके। सरकार के गठन और मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किए जाने के बाद अब सभी की नजरें मंत्रिमंडल के प्रदर्शन पर टिकी हैं।
भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने की कायम रहे छवि
कामकाज के बारे में मुख्यमंत्री की ओर मंत्रियों को दिए गए निर्देशों के तहत उन्हें पुराना स्टाफ नहीं रखने और अपनी मर्जी से निजी स्टाफ रखने से बचने को कहा गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने और पारदर्शिता बरकरार रखने की अपनी पिछली सरकार की छवि को बनाए रखने के लिए कुछ अहम फैसले किए हैं।
100 दिन का मास्टर प्लान बनाकर सीएम के सामने करना होगा पेश
इनमें मंत्रियों को 100 दिन के कामों का लक्ष्य तय करने वाला अजेंडा थमाया गया है। इसके तहत सभी मंत्रियों को अपने विभाग के कामकाज की 100 दिन में समीक्षा कर आगे की कार्ययोजना का मास्टर प्लान बनाना होगा। योगी ने मंत्रियों को ताकीद की है कि मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्री को किसी विषय पर अपने विभागों की कार्ययोजना से मुख्यमंत्री को खुद अवगत कराना होगा। बैठक में मंत्री की ओर से किसी विषय को प्रस्तुत किए जाते समय विभाग के अतिरक्ति मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव, सिर्फ मंत्री की सहायतार्थ मौजूद रहेंगे। साथ ही मंत्रियों को अगले 100 दिनों के काम से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराना होगा।
बिना बताए प्रदेश से बाहर जाने की मनाही, लग्जरी गाड़ियां खरीदने पर रोक
इतना ही नहीं मंत्रियों को फजूलखर्ची रोकने के उपाय अपनाने को भी कहा गया है। इसमें अपने लिए सरकारी खर्च पर नई कार खरीदने से मनाही के अलावा किसी मंत्री को मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को बताए बिना प्रदेश से बाहर जाने से भी रोका गया है। योगी ने निर्देश दिया है कि मंत्रीगण, दिल्ली की गैरजरूरी यात्रा करने से बचें। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों को सरकारी या निजी कामों से प्रदेश से बाहर जाने की सूचना देना अनिवार्य होगा। इस निर्देश के पीछे सरकारी खर्च के दुरुपयोग और किसी अन्य तरह के विवाद को पनपने से रोकना है। उन्होंने गैरजरूरी सरकारी खर्च पर लगाम लगाने के लिए मंत्रियों को अपने बंगलों को सजाने, कार्यालय को दुरुस्त करने और नया फर्नीचर और लग्जरी कार खरीदने जैसे कामों से बचने को कहा है।