बंद करो ये खेल-भूखे नंगो से भी हारते हो
सूर्याबुलेटिन :-देश में बढ़ता खेलो का क्रेज यह बता रहा है की देश के युवा सही दिशा में जा रहे है। खेल युवाओ के जीवन मे अनुशासन के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा व तीव्र बुद्धि का विकास करता है जिससे बच्चा(युवा) हमेशा सही दिशा की ओर प्रयासरत रहता है।लेकिन हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की हमारा बच्चा कौन से खेल में रुचि रखता है,हमे अपने पुराने भारतीय संस्कृति से जुड़े खेलो को ही ज्यादा तब्जयो देनी चाहिए न की उन खेलो को जिनके खेले जाने से देश मे अरबो खरबो का जुआ चलता हो और देश के युवाओं व जनमानस में जुआ जैसी गलत आदते आती हो।ऐसा ही खेल किरकेट का हो जुका है।छोटे छोटे लाखो बच्चे इसके ग्लेमर की चमक में अपने भविष्य को दांव पर लगाकर घूमते है और बाद में जुआ जैसी आदतों के शिकार हो जाते है।सौ बात की एक बात ये की देश के करोड़ों रुपए खर्चा के बाद भी उन देशों से बुरी तरह से हार रहे है जिनके यहाँ खाने पीने तक कि तंगी चल रही है।ऐसे खेल को खेलने का क्या फायदा,हमे अपने पुराने खेल कुश्ती, कब्ड्डी के साथ साथ बॉक्सिंग आदि खेल खेलने चाहिए जिससे हमारे युवाओ का शरीर तो बलिष्ट बनेगा ही साथ ही देश के लिए योद्धा तैयार होंगे,जो देश की विपरीत परिस्थिति में देश के काम आयेंगे।यव बात हमे यूक्रेन से भलीभाँति सीखनी चाहिए।जो लोग देश से बाहर थे देश पर विपता आते ही लड़ने के लिए अपने देश लोट आये।