उत्तर प्रदेश

पार्किंग वसूली में चल रहा था खेल, लखनऊ नगर निगम ने लिया एक्‍शन; दो कर अधीक्षक और दो निरीक्षक निलंबित

सूर्या बुलेटिन : ट्रांसपोर्ट नगर की पार्किंग में शुल्क वसूली में वित्तीय अनियमितता बरतने, लापरवाही करने, अवैध दुकानों को चलवाने के साथ ही अभिलेखों को ठीक से न रखने के आरोप में शुक्रवार देर शाम नगर निगम जोन आठ में तैनात दो कर अधीक्षकोंं सुनील त्रिपाठी, केशव प्रसाद और राजस्व निरीक्षक (श्रेणी प्रथम) पीयूष तिवारी, धनीराम तिवारी को निलंबित कर दिया गया। यह निलंबन निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय शकुंतला गौतम ने किया है।

उनके निलंबन का प्रस्ताव नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने भेजा था। कल ही कर अधीक्षकों और राजस्व निरीक्षकों की संशोधित चार्जशीट भेजी गई थी। पूर्व में भेजी गई चार्जशीट में कई साक्ष्य नहीं लगाए गए थे, जबकि नगर निगम की तरफ से पूर्व में भेजी गई चार्जशीट को स्थानीय निकाय निदेशालय के एक लिपिक ने दबा दिया था। लेकिन नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने जानकारी की तो यह मामला सामने आ गया। निदेशालय से बताया गया कि ऐसी कोई चार्जशीट नहीं आई है। नगर निगम ने फर्जी रसीदों के साथ अन्य साक्ष्य लगाकर संशोधित चार्जशीट को निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजा और शाम को ही कार्रवाई हो गई।

नगर आयुक्त ने ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग में शुल्क वसूली में अनियमितता समेत कई अन्य आरोपों पर जोनल अधिकारी संगीता कुमारी को कारण बताओं नोटिस जारी करने के साथ मुख्यालय से संबंद्ध किया गया था। इसके साथ ही दो कर अधीक्षकों में सुनील त्रिपाठी, केशव प्रसाद, राजस्व निरीक्षक (श्रेणी प्रथम) पीयूष तिवारी, धनीराम तिवारी के निलंबन का प्रस्ताव स्थानीय निकाय निदेशालय भेजा था, जबकि राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) इसरार अहमद के साथ ही राजेश पटेल के साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विनय दुबे, अशोक कुमार, रावेंद्र कुमार व राजेश कुमार को भी निलंबित करने के साथ ही बर्खास्तगी की नोटिस जारी की गई थी।

विरोध में जुटे थे, नगर आयुक्त को देखकर घबरा गएसब कुछ अप्रत्याशित था। नगर आयुक्त के निर्णय के विरोध में कुछ जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक और कुछ कर्मचारी नेता नगर निगम के बाबू राजकुमार हाल में जुटे थे। बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई जा रही थी कि नगर आयुक्त ने बिना सुने ही एक तरफा निलंबन का निर्णय ले लिया, जिसमें कई कर्मचारियों को पार्किंग संचालन से दूर रखा गया लेकिन उन पर भी कार्रवाई कर दी। अभी बैठक चल ही रही थी कि हाल में नगर आयुक्त का प्रवेश देखकर हर कोई घबरा गया।

दरअसल, नगर आयुक्त वेंडिंग जोन कमेटी में शामिल होने के लिए चार बजे पहुंचे तो उन्हें लगा कि ये लोग भी वेंडिंग जोन कमेटी में शामिल होने आए होंगे लेकिन एक कर अधीक्षक ने निलंबन के प्रस्ताव का मुद्दा उठा दिया। तब नगर आयुक्त ने पूरा माजरा जाना। हालांकि वहां से अधिकतर अधीक्षक और निरीक्षक खिसक लिए। अब विरोध दर्ज कराने के लिए यह बैठक शनिवार को 12 बजे बुलाई गई है।

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