गाज़ियाबाद

कांग्रेस में निष्ठावानों को मिली राज्यसभा उम्मीदवारी, असंतुष्टों पर चला सियासी चाबुक

सूर्या बुलेटिन : राज्यसभा में असंतुष्ट खेमे के कुछ नेताओं को मौका देने के कयासों को गलत साबित करते हुए कांग्रेस हाईकमान ने शत प्रतिशत अपने भरोसेमंद नेताओं की उम्मीदवारी का एलान कर पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को पूरी तरह सियासी रूप से पैदल कर दिया है। रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन, राजीव शुक्ल, प्रमोद तिवारी, मुकुल वासनिक से लेकर कांग्रेस में कुछ समय पहले आए इमरान प्रतापगढ़ी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है

असंतुष्ट खेमे की अगुआई करने वाले दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ही नहीं कभी नेतृत्व के भरोसेमंद रहे वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया है। कांग्रेस को मिलने वाली सभी 10 राज्यसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है और झारखंड की एक सीट के लिए झामुमो से अभी बात फाइनल नहीं हुई है।

कांग्रेस के सियासी गलियारों में उदयपुर चिंतन शिविर के बाद इस बात की चर्चा थी कि असंतुष्ट खेमे के साथ सुलह-सफाई का रास्ता अख्तियार करने के लिए पार्टी नेतृत्व कम से कम गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा में भेजने का फैसला लेगा। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार देर रात पार्टी के जिन 10 उम्मीदवारों के नाम को मंजूरी दी उसमें कोई भी ऐसा नहीं है जो नेतृत्व की रीति-नीति से असहमति रखता हो।

तमिलनाडु की एक सीट के लिए पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम की तो कर्नाटक से वरिष्ठ नेता और कांग्रेस अध्यक्ष के सिपहसालार जयराम रमेश की दावेदारी पहले से पक्की मानी जा रही थी और सूची में इनके नाम पर आश्चर्य की गुंजाइश नहीं थी। मध्य प्रदेश से वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा प्रत्याशी वरिष्ठ वकील व कश्मीरी पंडित विवेक तन्खा का नाम भी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ की पैरोकारी से मध्य प्रदेश से तय हो गया था। वह मौजूदा सांसद भी हैं।

राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और अजय माकन की उम्मीदवारी की चर्चाएं भी शुरू से थी, मगर कई दिग्गजों के दौड़ में होने के चलते अंदरूनी मशक्कत जमकर चल रही थी। हाईकमान ने इन दोनों को उम्मीदवार बनाकर साफ कर दिया है कि नेतृत्व के भरोसेमंद नेताओं को पार्टी के अहम ढांचों में जगह मिलेगी यह सुनिश्चित किया जाएगा।

वैसे इन करीबी नेताओं को नेतृत्व की नजरें इनायत होने के चलते ही राज्यसभा का टिकट मिला है, इसका अहसास होता रहे यह भी सुनिश्चित किया गया है। माकन को हरियाणा, सुरजेवाला को राजस्थान भेजा अजय माकन को राजस्थान से टिकट दिए जाने की चर्चा थी मगर उन्हें हरियाणा की इकलौती सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान से राज्यसभा भेजा जा रहा है। इसी तरह शुरुआती दिनों में असंतुष्ट खेमे का हिस्सा रहे कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक को उनके गृह प्रदेश महाराष्ट्र की जगह राजस्थान से मैदान में उतारा गया है। जबकि महाराष्ट्र की एक सीट पर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख उत्तर प्रदेश के नेता इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार बनाया गया है।

10 में से चार उम्मीदवार ब्राह्मण समुदाय के

राज्यसभा के 10 उम्मीदवारों की इस सूची में कांग्रेस ने आश्चर्यजनक रूप से ब्राह्मण समुदाय के चार नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। इसमें उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरा प्रमोद तिवारी को भी राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पुख्ता समर्थन के सहारे राज्यसभा में वापसी का रास्ता बनाने वाले हिमाचल प्रदेश के पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ल को छत्तीसगढ़ से टिकट दिया गया है।

रंजीत रंजन छत्तीसगढ़ से प्रत्याशी कांग्रेस की इस सूची में आजाद का नाम नहीं होना जितना आश्चर्यजनक रहा, कुछ ऐसा ही हतप्रभ करने वाला रंजीत रंजन को उम्मीदवार बनाने का फैसला भी रहा। बिहार कांग्रेस की नेता और पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है।

चार राज्यों की सात सीटों पर सूबे से बाहर के उम्मीदवार

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के अलावा बाकी चार राज्यों की सात सीटों पर सभी उम्मीदवार बाहरी उतारे हैं। राजस्थान की तीनों सीटों, छत्तीसगढ की दोनों सीट और हरियाणा तथा महाराष्ट्र की एक-एक सीट पर कांग्रेस के उतारे गए सभी प्रत्याशी दूसरे राज्यों की सियासत में सक्रिय हैं। झारखंड पर टिकी असंतुष्ट खेमे की उम्मीद झारखंड की एक सीट झामुमो कांग्रेस को देगा या नहीं अब असंतुष्ट खेमे के नेताओं के लिए उम्मीद की यह आखिरी किरण है। हालांकि, पार्टी हाईकमान ने 10 उम्मीदवारों के चयन में जिस तरह की राजनीतिक चिंतन का संदेश दिया है उसमें गुलाम नबी आजाद को शायद अब चमत्कार की ही आस होगी।

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