अघोषित बिजली कटाैती से इंडस्ट्री के छूटे पसीने, इनपुट कास्ट के साथ ट्रिपिंग की समस्या बढ़ी
सूर्या बुलेटिन : औद्याेगिक नगरी में भीषण बिजली कटों से इंडस्ट्री की प्रोडक्शन प्रभावित होने लगी है। मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर को बिजली के कटों के चलते इनपुट कास्ट में इजाफा हो रहा है। इसका मुख्य कारण कट के समय लेबर के खाली रहने के साथ-साथ प्रोडक्शन प्रोसेस की कास्ट में अंतर आना है। वहीं डीजल महंगा हाेने से इंडस्ट्री की इनपुट कास्ट बिजली कट से 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ रही है।
उद्योगपतियों के मुताबिक गर्मी की शुरुआत में ही ऐसे हालात होने से स्थिति बेहद खराब है। एक्सपोर्ट के आर्डरों का समय पर भुगतान करना होता है। बिजली के बार-बार कट और ट्रिपिंग की समस्या के चलते प्रोडक्शन नहीं हो पा रही। ऐसे में आने वाले समय में एक्सपोर्ट के आर्डर लेने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि अगर जरनेटर के जरिये प्रोडक्शन की जाती है, तो इसकी कास्टिंग बेहद बढ़ जाएगी। ऐसे में सरकार को तत्काल इस ओर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि पहले ही इंडस्ट्री कोविड के बाद दोबारा पटरी पर लौटने का प्रयास कर रही है। लेकिन इस तरह की बाधाओं से इंडस्ट्री के लिए चल पाना बेहद मुश्किल होगा।
कम प्रोडक्शन से दाम भी बढ़ जाएंगे
फास्टनर मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान नरिंदर भमरा के मुताबिक बिजली के बिना इंडस्ट्री का चल पाना मुश्किल है। स्टील यूनिट्स को बिजली के लंबे कट लगाए जा रहे हैं। मंडी गोबिंदगढ़ में लगने वाले कटों के चलते स्टील उत्पादों के निर्माण प्रभावित हो रहे हैं और आने वाले दिनों में कम प्रोडक्शन से इसके दाम भी बढ़ जाएंगे। इसके साथ ही लागत में भी इजाफा हो रहा है। सरकार को इंडस्ट्री के प्रमुख रा मटीरियल बिजली की सप्लाई को बेहतर करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
इंडस्ट्री को जनरेटर पर चला पाना संभव नहीं
कोहिनूर साइकिल के एमडी अनिल सचदेवा के मुताबिक साइकिल इंडस्ट्री की में कई प्रोसेस से निर्माण किया जाता है। बिजली के अघोषित कट और ट्रिपिंग के चलते प्रोसेस में बार-बार अड़चनें देखने को मिल रही है। ऐसे में इंडस्ट्री को जनरेटर पर चला पाना संभव नहीं है, क्योंकि डीजल के दाम भी आसमान छू रहे हैं। सरकार को इसके हल के लिए तत्काल प्रयास करने चाहिए।