सौ बात की एक बात ” यति जी तो जिंदा” है- गाजियाबाद पुलिस
सूर्या बुलेटिन(गाजियाबाद) दिल्ली में पकड़े गए जेश ए मोहम्मद के आतंकवादी जॉन मोहम्मद डार के बाद ये खबर पूरे देश में बिजली कि तरह फैल।जिसके पास ऐंड्रॉयड फोन है लगभग बच्चे बच्चे को मालूम हो गया लेकिन गाजियाबाद के पुलिस प्रशासन को पता नहीं चल पाया।जबकि देश की उच्चतम मीडिया ने इस का प्रसारण 16 मई की आधी रात से शुरू कर दिया था।गाजियाबाद पुलिस का रोल इस में इस लिए आता है क्योंकि दिल्ली पुलिस की स्पेस्ल टीम की पूछताछ में आतंकी जॉन मोहम्मद डार ने अपना टास्क डासना देवी मंदिर(शिवशक्ति धाम डासना) के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी को बताया है। कल दोपहर बाद जब इस खबर के बारे में एसएसपी साहब की राय जानने की कोशिश करी तो महोदय जी ने साफ इनकार कर दिया कि उनको इस बारे में पता नहीं आप दिल्ली पुलिस से पता करो।इस की वजह क्या हो सकती है सब अपने अपने हिसाब से टिका टिप्पणी रहे है।कुछ लोगों का तो ये भी कहना है की महोदय जी एसपी नहीं बल्कि डीआईजी है,लिहाजा पोस्ट ऊंची होने के कारण नीचे का दिखना कम हो गया है। सौ बात की एक बात ये कि यति जी जिंदा है तब तक क्या थ्रेट नहीं मानी जाएगी, दो साल पहले इसी डासना कस्बे में बीजेपी के मंडल अध्यक्ष को बीएस तोमर को खुले आम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि तोमर साहब को भी पहले ही डासना के मुसलमानों ने थ्रेड से डी थी।तोमर साहब बेचारे सुरक्षा को लेकर थाने के चक्कर लगाते रहे और जिहादी अपना काम तमाम कर गए।लेकिन यहां तो धमकी भी पूरी दुनिया के मुसलमानों के द्वारा दी जा रही है और पकड़ा गया आतंकी भी पाकिस्तान आधारित संघठन “जेश ए मोहम्मद” का खतरनाक पुर्जा है।जी भी हो शासन को यति जी की सुरक्षा का तुरंत ध्यान करना चाहिए और साथ ही सरकार को अपने अधिकारियों पर भी अंकुश लगाना चाहिए जिनकी वजह से कोई बड़ी अनहोनी न हो जाय क्योंकि इस तरह की घटनाओं का असर सीधे आम जनता पर भी जाता है जिनका योगी जी पर अटूट भरोसा है।