गाज़ियाबाद

वीर विनायक दामोदर सावरकर जी के पुण्यतिथि पे उनकी स्मृति शेष

सूर्याबुलेटिन (गाजियाबाद ) वीरसावरकर दो दशक से भी ज्यादा समय दक्षिण अफ्रीका में बिता कर 45 साल के महात्मा गांधी 1915 में भारत आते हैं। इससे 4 साल पहले 28 वर्ष का एक युवक अंडमान में एक कालकोठरी में बन्द होता है। अंग्रेज उससे दिन भर कोल्हू में बैल की जगह हाँकते हुए तेल पेरवाते हैं, रस्सी बटवाते हैं और छिलके कूटवाते हैं। वो तमाम कैदियों को शिक्षित कर रहा होता है, उनमें हिंदुत्व  की भावनाएँ प्रगाढ़ कर रहा होता है और साथ ही दीवालों कर कील, काँटों और नाखून से साहित्य की रचना कर रहा होता है। “उनकानामथा- विनायकदामोदरसावरकर।”

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