उत्तर प्रदेश

धर्म की रक्षा के हेतु रामघाट पर होगा बगलामुखी महायज्ञ

 सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना और सनातन धर्म की रक्षा के हेतु रामघाट पर होगा बगलामुखी महायज्ञ

अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती जी महाराज ने मोहन भागवत को क़ुरआन,हदीस और इस्लामिक इतिहास का अध्ययन करने की सलाह दी।

सुर्या बुलेटिन(अलीगढ़) आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि की प्रतिपदा 11 जुलाई 2021 को प्रातः वनखंडेश्वर महादेव रामघाट में सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना,सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म को मानने वालो की संतान की रक्षा और सनातन
धर्म के शत्रुओं के समूल नाश की कामना से माँ बगलामुखी का पांच दिवसीय महायज्ञ आरम्भ किया जाएगा।
आज अलीगढ़ के सुप्रसिद्ध कथाकार आचार्य देवेंद्र शास्त्री जी,निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी डॉ अन्नपूर्णा भारती(डॉ पूजा शकुन पांडेय),पंडित आदित्यनारायन अवस्थी,योगी राजीव नाथ
व आचार्य कपिल शास्त्री जी के निमंत्रण पर अलीगढ़ आये अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से महायज्ञ के विषय मे बताते हुए अखिल भारतीय सन्त परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा की आज सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में दिखाई देता है।मुस्लिमो की बढ़ती हुई भयावह और नाजायज आबादी ने न केवल भारतवर्ष अपितु सम्पूर्ण विश्व के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है।हिन्दुओ के घटते हुए जनसंख्या अनुपात ने यह तय कर दिया है कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम होगा।इसका अर्थ है कि अगले केवल 20 वर्षों में 40 प्रतिशत हिन्दुओ का कत्ल हो जाएगा,50 प्रतिशत हिन्दू धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर हो जायेगे और बचे हुए 10 प्रतिशत हिन्दू विदेशों में या शरणार्थी शिविर में रह जाएंगे।अब हमारे ऊपर अभूतपूर्व संकट की घड़ी है जिससे सनातन धर्म और हिन्दू समाज को बचाना सभी हिन्दू धर्मगुरुओं का नैतिक दायित्व है।
ऐसे में सनातन धर्म के सभी धर्मगुरुओं को सभी हिन्दुओ को विजय और सद्बुद्धि की देवी माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करनी चाहिये।सदबुद्धि प्राप्त होने से ही हिन्दू अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष कर सकेगा और सनातन धर्म,अपने परिवार और अपने अस्तित्व की रक्षा में सक्षम बन सकेगा।उन्होंने यह भी कहा कि सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म से बढ़कर कुछ भी नहीं है। अर्थ है सम्पूर्ण मानवता और अच्छाई का विनाश हो जाना।जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण मे गया है तो माँ ने धर्म की रक्षा की है।आज हम भी धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण में हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है की माँ हमारी अवश्य ही धर्म की रक्षा करेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अब हर हिन्दू को छोटे छोटे स्वार्थों को छोड़कर सनातन वैदिक राष्ट्र के लिए संघर्ष करना चाहिए।अब यदि सनातन के पास इजराइल के यहूदियों की तरह अपना एक राष्ट्र नहीं होगा तो संरण धर्म बच ही नही सकेगा।अतः अब सभी हिन्दू धर्मगुरुओं और संगठनो को एकमत होकर ऐसे सनातन वैदिक राष्ट्र,जहाँ एक भी जिहादी, मस्जिद, मदरसा या पीर न हो,के लिए संघर्ष करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अब हिन्दुओ को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि उनका और उनके परिवार का अस्तित्व केवल नेताओ के भरोसे न रह जाए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की अनर्गल बयानबाजी से आक्रोशित अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती जी महाराज ने मोहन भागवत को क़ुरआन,हदीस और इस्लामिक इतिहास का अध्ययन करने की सलाह दी।उन्होंने हिन्दुओ को अपने बच्चों का भविष्य नेताओ के भरोसे न छोड़ने की भी सलाह दी।
उनके साथ यति सत्यदेवानंद सरस्वती जी,यति सेवानंद सरस्वती जी,अनुराग राय तथा अन्य भी आये हुए थे।
अलीगढ़ आगमन पर विभिन्न हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं तथा अन्य गणमान्य लोगों ने यति नरसिंहानंद सरस्वती जी का स्वागत किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button