दिल्ली

दिल्ली पुलिस तो दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस माशाअल्लाह!

ब्यूरो रिपोर्ट – आकाश निर्वाण यादव

सूर्या बुलेटिन (दिल्लीहाथरस)

दिल्ली के बुराड़ी थाना क्षेत्र में परसों रात करीब आठ बजे शहर के एक प्रख्यात क्रिमिनोलॉजिस्ट तथा कोचिंग इंस्टीट्यूट के प्रबंधक की बोलेरो गाड़ी चोरी हो गई जिसकी सूचना उन्होंने तत्काल बुराड़ी थाने को दी। इसी बीच वाहन स्वामी के मोबाइल पर फास्ट टैग तंत्र द्वारा संदेश प्राप्त हुआ कि गाड़ी ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित लुहरली टोल प्लाजा पार किया है। जिसकी सूचना उन्होंने थाने में दी किन्तु पुलिस की लापरवाही के कारण गाड़ी की कोई ट्रेसिंग नहीं हुई तथा एक घंटे पश्चात इसी प्रकार गभाना(अलीगढ़) टोल प्लाजा और मद्रक (हाथरस) टोल प्लाजा को भी गाड़ी ने पार कर लिया। तब दिल्ली पुलिस की लापरवाही को देखते हुए वाहन स्वामी ने स्वयं अलीगढ़ तथा हाथरस पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया किन्तु दिल्ली पुलिस के समान ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी गाड़ी बरामद करने में कोई विशेष इच्छा प्रकट नहीं की।

मंगलवार को चोरी हुई गाड़ी कल बुधवार को पूरे दिन में लगभग 3 से 4 बार मदरक(हाथरस) टोल प्लाजा से पास हुई जिसकी सूचना लगातार दिल्ली पुलिस तथा हाथरस पुलिस कंट्रोल रूम को दी जाती रही किन्तु गाड़ी तथा चोरों को धरने हेतु कोई उचित कार्यवाही ना तो दिल्ली पुलिस ना ही उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ही की गई।

बहरहाल पुलिस के ही एक आंकड़े के अनुसार दिल्ली से लगभग 150 तथा उत्तर प्रदेश के एनसीआर(राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के शहरों से 200 गाडियां प्रतिदिन चोरी होती हैं तथा इनमें से एक भी गाड़ी यदि बरामद हो जाए तो इसको एक प्रकार से पुलिस का समाज पर उपकार ही समझा जाना चाहिए।

इस विषय में जब पुलिस के एक बड़े अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने अनाधिकारिक रूप से बताया कि चोरी की गाड़ी ढूंढने में पुलिस कम रुचि लेती है क्योंकि ना तो इन कामों के लिए उनके पास पर्याप्त पुलिस बल है और ना ही ये गाडियां हाई प्रोफ़ाइल लोगों की होती हैं कि जिसको ढूंढने के लिए पुलिस विशेष कष्ट करे।

वैसे यहां विचारणीय पक्ष यह है कि जब गाड़ी सारा दिन हाथरस में खुलेआम घूमती रही और पुलिस को लगातार सूचन मिलती रही फिर भी ना तो दिल्ली पुलिस ना ही उत्तर प्रदेश पुलिस के है कान पर कोई जूं रेंगी। इससे एक प्रश्न अवश्य जन्म लेता है कि क्या वास्तव में पुलिस की गाड़ी ढूंढने में कोई रुचि नहीं है या फिर यह पुलिस और कार चोर गैंग की सांठ गांठ है?

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