गाज़ियाबाद

अवैध निर्माण की शिफारिस में पुलिस अग्रिम

जी डी ने निर्माण को गिराने का नोटिस 18/12/17 में जारी किया था।

जी डी की तरफ से ही इस बिल्ड़िंग को 27/07/18 को सील किया गया था।फिर भी बन गयी बिल्डिंग।

सूर्या बुलेटिन(गाजियाबाद) मामला न्यू पंचवटी सी ब्लॉक का है जहाँ बिल्डर व कॉलोनी निवासियों के बीच एक अवैध निर्माण को लेकर कस्माक्स चल रही है।जब मामला क्षेत्रीय पुलिस चौकी पहुँचा तो इंचार्ज साहब बिल्डर की वकालत करते नजर आये। आपको बता दे की न्यू पंचवटी कालोनी में प्लॉट नो-सी 278,279 में बिल्डर ने बिना नक्शा पास कराये बहुमंजिला निर्माण करना प्रारम्भ किया तो शिकायत करने पर निर्माणाधीन बिल्डिंग की गिराने के आदेश 18/12/17 को कर दिए थे लेकिन आगे की कार्यवाही नही होने की वजह से बिल्डिंग को 5 मंजिला बना लिया गया जिसमें ग्राउड फ्लोर पर पार्किग की जगहा दी गयी थी।

शिकायतों के चलते फिर एक बार जी डी ए ने अपनी कार्यवाही करते हुए 27/07/18 को बिल्डिंग को शील कर दिया।कॉलोनी निवासियों का आरोप है की भरस्टाचार के चलते कोई कार्यवाही नही हुई और बिल्डर ने बनाये आठो प्लेट बेच डाले।अब वही बिल्डर पार्किग की जगहा को घेर कर भी फ्लेट बनाने का कार्य कर रहा है,कालोनी निवासियों का कहना है कि यदि पार्किग में भी फ्लेट बना दिये तो बिल्डिंग में रहने वालों की गाड़ियां भी गली में पार्क होगी,जिससे आए दिन झगड़े होने की संभावना तो है ही क्योकि अभी भी पार्किग को लेकर कालोनी में विवाद चलते रहते है,इसके अलावा बिल्डर ने बिल्डिंग में कोई फायर एन ओ सी नही ली है ना ही कोई फियर स्टूमेंट लगाया है,बिल्डिंग बिना नियमो व कमजोर मैटेरियल से बनी है उपरोक्त बातों को देखते हुए आसपास के कालोनी निवासियों में भय भी बना हुआ है कि कोई अप्रिय घटना ने हो जाय जिससे बिल्डिंग में रहने वाले परिवार तो असुरक्षित है ही अगल बगल में रहने वाले परिवार भी असुरक्षित है।इन सब बातों को देखते हुए कालोनी निवासियों ने जी डी ए सहित एस पी सिटी और थाने में भी अपना प्रार्थना पत्र दिया है।कालोनी निवासियों का आरोप है कि जब लोगो ने इस अवैध निर्माण का विरोध किया तो बिल्डर ने पुलिस को बुला लिया जिसके बाद चौकी इंचार्ज के स्वर बदले नजर आ रहे थे ,लोगो ने अपनी बात रखी तो सुनने के बजाय,बिना कुछ जाने बिल्डर की वकालत करनी शुरू कर दी जिससे लोगो मे आक्रोश है इसी के बाद स्थानीय लोगो ने उच्च अधिकारियों से सम्पर्क कर अपना प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की।

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