अमर बलिदानी वीर चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पे स्मृति शेष
सूर्या बुलेटिन (गाज़ियाबाद):आज भारतीय क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि है. साल 1931 में आज ही के दिन मुठभेड़ के दौरान आजाद ने अंग्रेजों के हाथों मरने की बजाय खुद को गोली मारने का विकल्प चुना. जिस जगह पर उन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी वो जगह प्रयागराज का चंद्रशेखर आजाद पार्क ऐतिहासिक स्मारक बन गया.
आजाद की पर्सनालिटी कुछ ऐसी थी कि कांधे पे जनेऊ कमर में पिस्टल गठीला बदन रौबिली मूछ मर्दाना आवाज़। चन्द्रशेखर आजाद का जन्म भाबरा गाँव (अब चन्द्रशेखर आजादनगर) (वर्तमान अलीराजपुर जिला) में 23 जुलाई सन् 1906 को हुआ था। आजाद के पिताजी का नाम पण्डित सीताराम तिवारी था । उनकी माँ का नाम जगरानी देवी था। आजाद का प्रारम्भिक जीवन आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्थित भाबरा गाँव में बीता अतएव बचपन में आजाद ने भील बालकों के साथ खूब धनुष-बाण चलाये। इस प्रकार उन्होंने निशानेबाजी बचपन में ही सीख ली थी। चन्द्रशेखर आज़ाद का मन बचपन से देश को आज़ाद कराने के अहिंसात्मक उपायों से हटकर सशस्त्र क्रान्ति की ओर था। उस समय बनारस क्रान्तिकारियों का गढ़ था। वह मन्मथनाथ गुप्त और प्रणवेश चटर्जी के सम्पर्क में आये और क्रान्तिकारी दल के सदस्य बन