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‘उमर खालिद की स्पीच भड़काऊ और आपत्तिजनक’, HC दिल्ली ने माना दोषी

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सूर्या बुलेटिन : दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) की अमरावती में दी गई स्पीच को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने भड़काऊ और आपत्तिजनक माना है. हाई कोर्ट ने कहा कि क्या ये कहना कि जब आपके पूर्वज अंग्रेजों की दलाली कर रहे थे, गलत नहीं है. आपकी बात से लगता है कि सिर्फ एक ही समुदाय अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहा था. अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर ऐसे भड़काऊ बयान नहीं दिए जा सकते. लोकतंत्र में इसकी इजाजत नहीं है.

उमर खालिद की जमानत अर्जी पर सुनवाई

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने ये टिप्पणी उमर खालिद की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए की. कड़कड़डूमा कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के आदेश को उमर खालिद ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

उमर खालिद के वकील ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में उमर खालिद के वकील ने दलील दी कि दिल्ली दंगों के वक्त उमर खालिद मौजूद नहीं था. उसके खिलाफ सिर्फ एक स्पीच है. सुनवाई के दौरान जब कोर्ट के कहने पर उमर खालिद के वकील ने स्पीच को रखना शुरू किया तो कोर्ट ने उन्हें बीच में टोक दिया.

अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में ऐसे बयान मंजूर नहीं

दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद के वकील से कहा कि क्या आपको नहीं लगता कि ये स्पीच भड़काऊ है. क्या भगत सिंह और गांधी जी ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया? अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर ऐसे भड़काऊ बयान नहीं दिए जा सकते. लोकतंत्र में इसकी इजाजत नहीं दी जाती है. आपके बयान को देखकर हमें हैरत नहीं है कि क्यों पुलिस ने इसमें FIR दर्ज की है.

उमर खालिद की स्पीच भड़काऊ और आपत्तिजनक‘, HC ने कही ये बात

सूर्या बुलेटिन : दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) की अमरावती में दी गई स्पीच को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने भड़काऊ और आपत्तिजनक माना है. हाई कोर्ट ने कहा कि क्या ये कहना कि जब आपके पूर्वज अंग्रेजों की दलाली कर रहे थे, गलत नहीं है. आपकी बात से लगता है कि सिर्फ एक ही समुदाय अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहा था. अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर ऐसे भड़काऊ बयान नहीं दिए जा सकते. लोकतंत्र में इसकी इजाजत नहीं है.

उमर खालिद की जमानत अर्जी पर सुनवाई

बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने ये टिप्पणी उमर खालिद की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए की. कड़कड़डूमा कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के आदेश को उमर खालिद ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

उमर खालिद के वकील ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट में उमर खालिद के वकील ने दलील दी कि दिल्ली दंगों के वक्त उमर खालिद मौजूद नहीं था. उसके खिलाफ सिर्फ एक स्पीच है. सुनवाई के दौरान जब कोर्ट के कहने पर उमर खालिद के वकील ने स्पीच को रखना शुरू किया तो कोर्ट ने उन्हें बीच में टोक दिया.

अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में ऐसे बयान मंजूर नहीं

दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर खालिद के वकील से कहा कि क्या आपको नहीं लगता कि ये स्पीच भड़काऊ है. क्या भगत सिंह और गांधी जी ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया? अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर ऐसे भड़काऊ बयान नहीं दिए जा सकते. लोकतंत्र में इसकी इजाजत नहीं दी जाती है. आपके बयान को देखकर हमें हैरत नहीं है कि क्यों पुलिस ने इसमें FIR दर्ज की है.

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