छपरौला में उड़ी lockdown की धज्जियां, सूची पेपर मिल फैलाती रही प्रदूष
संवाददाता:-आकाश यादव
सुर्या बुलेटिन(गौतमुद्धनगर) यूं तो जिले के ग्राम छपरौला तथा आसपास के सघन आबादी के क्षेत्रों तथा अन्य गांव में के निवासियों के द्वारा समय-समय पर गांव में स्थित सूची पेपर मिल नामक निर्माणी के द्वारा फैलाए जाते रहे प्रदूषण की शिकायतें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोएडा तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जाती रही है।
किंतु अब तो यह निर्माणी लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए भी प्रदूषण फैलाने से बाज आती प्रतीत नहीं होती। ग्रामीणों की माने तो पेपर मिल से निकलने वाले हानिकारक काले धुएं तथा राख से उनकी छत था मकान काले हो जाते हैं। वही बहुत से ग्रामीण मानते हैं कि यह धुआं बहुत से ग्रामीणों की अकाल मृत्यु का कारण बन चुका है। छोटे बच्चे भी इसके कारण कम आयु में सांस, कैंसर अथवा दमे जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। कई मौकों पर शासन प्रशासन तथा कई राजनेताओं के समक्ष भी पेपर मिल से हो रही समस्याओं के समाधान हेतु गुहार लगाई जा चुकी है किन्तु परिणाम वही ढाक के तीन पात। आज दिन सोमवार को लॉक डाउन का 37 वां दिन है और पेपर मिल का प्रदूषण अपने चरम पर है। कथित तौर पर मिल के मालिक की पहुंच सरकार में ऊपर तक बताई जाती है तथा यही कारण है कि अधिकारी भी कोई कार्यवाही करने से कतराते दिखाई पड़ते हैं। शुचि पेपर मिल छपरौला पुलिस चौकी के ठीक बगल में स्थित है। अब यह तो कहना कठिन है कि किस के आदेश पर यह मिल अभी भी चालू है किन्तु यहां प्रश्न यह उठता है कि एक ओर जहां साधारण जनमानस को इकट्ठा होने पर पुलिस बेरहमी से पीटती नज़र आती है वहीं इतनी बड़ी फैक्ट्री को किन कारणों से इतनी छूट प्रदान की जा रही है।