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‘ब्राह्मणों तेरी कब्र खुदेगी’: BHU में इफ्तार पार्टी के बाद कैंपस में लिखे मिले नफरती नारे, कश्मीर तो झांकी है पूरा भारत बाकि है

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सूर्या बुलेटिन : BHU के महिला महाविद्यालय में बुधवार (27 अप्रैल, 2022) को रोजा इफ्तार पार्टी को लेकर परिसर में विरोध शुरू हो गया है। कल शाम को जैसे ही इफ्तार की तस्वीरें सामने आईं छात्रों ने कुलपति प्रो सुधीर जैन के खिलाफ नारेबाजी की और प्रतीकात्मक पुतला लेकर जुलूस निकालते हुए कुलपति आवास पर पहुँचकर पुतला दहन भी किया।

BHU में कुलपति का पुतला फूँकते छात्र

हालाँकि, यह पहली बार नहीं है काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में चार्ज लेने के बाद से ही चर्चा में चल रहे कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने ऑफिसियल अकाउंट से इफ्तार की सूचना देकर ही बड़े विवाद को हवा दे दी थी। शाम में रोजा इफ्तार का आयोजन हुआ। इसमें कुलपति, रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला सहित महिला महाविद्यालय के रोजेदार शिक्षक, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने अपना रोजा खोला। छात्रों ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि वहाँ डा. मो. अफजल हुसैन के नेतृत्व में रोजा और रमजान पर एक चर्चा भी हुई। इसकी जानकारी होने पर छात्रों का बड़ा समूह आक्रोशित हो गया।

रोजा इफ्तार के बाद जहाँ कुलपति ने छात्राओं संग सेल्फी ली। वहीं कार्यक्रम में VC और रेक्टर के अलावा डॉ. अफजल हुसैन, प्रो. नीलम अत्रि, कार्यवाहक प्रधानाचार्य प्रो. रीता सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. केके सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. बीसी कापड़ी, डॉ. दिव्या कुशवाहा भी मौजूद रहे।

इफ्तार से आक्रोशित छात्रों ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया, “BHU में लंबे समय से रोजा इफ्तार जैसा कोई आयोजन नहीं हो रहा था। अचानक कुलपति का BHU को जामिया बनाना उचित नहीं है।” शोध छात्र पतंजलि पांडेय ने वीसी पर आरोप लगाया है कि वह छात्रों के हितों और विश्वविद्यालय की परंपरा की अनदेखी करते हैं। इस तरह से परिसर में इफ्तार पार्टी का आयोजन निंदनीय है।” छात्रों ने इस तरह की पहल को मुस्लिम तुष्टिकरण कहा।

वहीं छात्रों यह भी बताया कि कल इफ्तार पार्टी के बाद कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर हिन्दू विरोधी ग्राफिटी बनाई गई है। BHU के छात्रों ने कुछ तस्वीरें भी भेजी हैं, जिनपर हिन्दू विरोधी नारे लिखे हैं, “कश्मीर तो बस झाँकी है, पूरा भारत बाकी है।” तो “ब्राह्मणों तेरी कब्र खुदेगी BHU की धरती पर।”

दीवारों पर लिखे गए नफरती नारे

कुलपति के इफ्तार पार्टी जैसे कदम का विरोध करने वाले छात्रों ने कहा, “पूर्व वीसी गिरीश चंद त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में नवरात्रि के समय फलाहार की परंपरा शुरू की थी। उस की परंपरा को खत्म करके इफ्तार की नई परंपरा शुरू की जा रही है, जो हमें अस्वीकार्य है। अगर कुलपति को को इफ्तार करना है तो वह एएमयू या जामिया जा सकते हैं यहाँ उनकी आवश्यकता नहीं है।”

विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने ऑपइंडिया को बताया कि BHU में आज तक कभी भी इस तरह से इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं हुआ है। इस बार इस आयोजन के लिए महिला महाविद्यालय को चुना गया ताकि छात्र विरोध करने महिला महाविद्यालय में न जा सकें। यह एक गलत परंपरा डाली जा रही है जिसका छात्र विरोध करेंगे। आगे इस मुद्दे पर आंदोलन तय है।

वहीं बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने ऑपइंडिया को बताया को बताया कहा कि महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार की परंपरा रही है। इसमें कुलपति समेत अन्य अधिकारी शामिल होते हैं। इसी के तहत बुधवार को आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि दो साल से कोरोना की वजह से विश्वविद्यालय बंद होने से इफ्तार का आयोजन नहीं हुआ था। इसलिए इस वर्ष हुआ अब इस पर किसी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए।

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