सूर्या बुलेटिन : पाकिस्तान ने भारत की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया दी है। हालिया घटनाओं को मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हमला बताते हुए पड़ोसी मुल्क ने ‘कड़ी निंदा’ की है। खास बात है कि हाल ही में पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन हुई है और शहबाज शरीफ नए प्रधानमंत्री बने हैं। इस्लमाबाद की तरफ से यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और शरीफ जुलाई में मुलाकात कर सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के बाद इस्लामाबाद की तरफ से जारी बयान जारी किया गया है। पड़ोसी मुल्क ने कहा कि मस्जिद पर झंडा फहराने की ‘घृणित’ कोशिश की गई। हालांकि, अभी तक भारत की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जहांगीरपुरी में कुछ दिनों पहले हनुमान जयंती पर जुलूस के दौरान हिंसा हो गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताए जाने के अपने रिकॉर्ड के बारे में देखना चाहिए। अटकलें लगाई जा रही हैं कि पीएम मोदी और शरीफ की मुलाकात जुलाई में ताशकंद में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि शिखर सम्मेलन स्तर की बातचीत के बारे में चर्चा करना जल्दबाजी है। साथ ही बैठक के लिए कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच दिसंबर 2015 से कोई वास्तविक द्विपक्षीय गतिविधियां नहीं है। उस दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय बातचीत के लिए प्रक्रिया की शुरुआत की थी। हालांकि, पठानकोट एयरबेस हमले के बाद यह खत्म हो गई थी।
पाकिस्तान ने बयान में अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और संबंधित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय संगठनों से भारत को ‘अल्पसंख्यकों और खासतौर से मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन’ के लिए जिम्मेदार ठहराने का आह्वान किया है।