Breaking News
Pay Now
Home 25 आध्यात्म 25 ज्ञानवापी: हिंदू पक्ष का दावा- ‘कुएं में मिला शिवलिंग’, मुस्लिम पक्ष ने अलग ही कहानी सुनाई

ज्ञानवापी: हिंदू पक्ष का दावा- ‘कुएं में मिला शिवलिंग’, मुस्लिम पक्ष ने अलग ही कहानी सुनाई

Spread the love

सूर्या बुलेटिन : उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सोमवार को लगातार तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हुआ. सर्वे के खत्म होने बाद हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने कुएं में शिवलिंग के होने और न होने को लेकर अपने-अपने दावे किए. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि कुएं के अंदर शिवलिंग मिला है और उसकी प्रोटेक्शन लेने के लिए वह सिविल कोर्ट जा रहे हैं. वहीं, इस मामले में मुस्लिम पक्ष की अपनी अलग राय है. मुस्लिम पक्ष के वकील ने अपना दावा करते हुए कहा है कि सर्वे के दौरान कुएं से शिवलिंग नहीं मिला है.





मीडिया से बातचीत के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा,

“शिवलिंग नहीं मिला है. सर्वे की कार्रवाई खत्म हो गई है. यह अदालत तय करेगी कि शिवलिंग मिला है या नहीं. प्रतिवादी पक्ष ने कमीशन की कार्रवाई का पूरा सहयोग किया.”

मुस्लिम पक्ष के वकील

आपको बता दें कि कमीशन की रिपोर्ट कल यानी मंगलवार को कोर्ट में पेश की जाएगी.

ध्यान देने वाली बता है कि रविवार को हुए 4 घंटे के सर्वे में पक्षमी दीवार, नमाज स्थल, वजू स्थल के अलावा तहखाने में भी सर्वे किया गया था. वहीं, सोमवार को टीम ने नंदी के सामने बने कुएं का सर्वे और वीडियोग्राफी की.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है. स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.

इससे पहले जिला अदालत ने कहा था कि यदि सर्वेक्षण की खातिर परिसर के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो ताले तोड़े जा सकते हैं. अदालत ने अधिकारियों को सर्वे कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया था.

वहीं, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई है.

About Amit Pandey

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*