प्रदेेश शासन के निर्णय पर जिला प्रशासन ने उठाया सख्त कदम
सूर्या बुलेटिन (गाजियाबाद)। प्रदेश शासन द्वारा गंगा स्नान मेला स्थगित करने के बाद स्थानीय जिला प्रशासन ने गढ़ गंगा मेला क्षेत्र में 25 से 30 नवंबर तक पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इस दौरान 11 किमी मेला क्षेत्र में कोई भी दुकान और बाजार या पड़ाव नहीं लगेगा, न ही श्रद्धालुओं के वाहनों को आने दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को रोकने के लिए जिले की सीमा पर बेरिकेडिंग की जा रही है। इसके अलावा, चेकिंग के बाद ही वाहन आगे जाने दिए जाएंगे। प्रति वर्ष गंगा किनारे खादर क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला को कोरोना के चलते इस बार शासन ने स्थगित कर दिया है। जिसके बाद जिला पुलिस तथा प्रशासन को श्रद्धालुओं को रोकना एक चुनौती होगा। श्रद्धालुओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने 25 से 30 नवंबर तक मेला क्षेत्र को पूरी तरह प्रतिबंध कर दिया है। यानि कि मेला क्षेत्र में कोई भी वाहन नहीं जाएगा। इसके अलावा इस खादर मेला क्षेत्र में 25 से 30 नवंबर तक कोई भी अस्थाई दुकान, बाजार तथा पड़ाव नहीं डाला जाएगा। एडीएम का कहना है कि मेला क्षेत्र को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिसमें किसी भी श्रद्धालु के वाहन की एंट्री, कोई भी दुकान तथा बाजार न खोले जाने तथा कोई भी अस्थाई पड़ाव नहीं डाला जाएगा। एएसपी सर्वेश मिश्रा और एडीएम जयनाथ यादव ने बताया कि मेला स्थगित होने के बाद श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा से जुड़ी सीमा पर भी चेकिंग की जाएगी। जबकि, गढ़ क्षेत्र में चारों ओर बेरिकेडिंग की जा रही है। गढ़ मुक्तेश्वर में आने वाले वाहनों की सघन चेकिंग होगी। जिसमें श्रद्धालुओं के वाहनों को वापस भेजा जाएगा। इसको लेकर पुलिस बल लगाया जा रहा है। जबकि, बेरिकेडिंग कर दी गई है। एडीएम जयनाथ यादव ने बताया कि प्रतिबंध की अवधि में होने वाली गढ़ क्षेत्र में शादी की बस तथा वाहनों को नहीं रोका जाएगा। शादी वाले वाहन अपना कार्ड दिखाकर आराम से आ जा सकेंगे। एडीएम जयनाथ यादव ने बताया कि मेला क्षेत्र खादर का प्रतिबंध किया गया है। गढ़ तथा आसपास में प्रचार कराया जा रहा है। इसके अलावा रुटीन का बाजार तथा अन्य स्कूल आदि सब खुलेंगे।