सूर्या बुलेटिन : जहां एक तरफ प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती है वही दूसरी तरफ निजी स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश लगाने में विफल रहती है जिसके कारण निजी स्कूलों द्वारा अभिभावको का शोषण रुकने का नाम ही नही ले रहा है मामला है जिले के नामी स्कूल इंग्रहम इंस्टीट्यूट , हापुड़ रोड गाजियाबाद का जिसमे एक चाय बिक्री कर जीवन यापन कर रहे अभिभावक का बच्चा कोरोना काल में कक्षा 3 का छात्र था । कोरोना वैश्विक महामारी के कारण छात्र के पिता की चाय की दुकान से नोकरी छूट गई जिसके कारण छात्र का पिता बच्चे की फीस नही जमा कर पाया लेकिन स्कूल को बार बार आश्वस्त किया कि नोकरी लगते ही वो स्कूल की पूरी फीस जमा करेगा । अब स्कूल द्वारा छात्र की टीसी काटने के बात कही जा रही है जबकि छात्र के पिता को कोई टीसी स्कूल द्वारा नही दी गई पिता द्वारा बच्चे की शिक्षा जारी करने की लगातार गुहार स्कूल प्रशासन से लगाई जा रही है हार तक कर छात्र के पिता द्वारा मदद की गुहार गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन से लगाई जिसका सज्ञान लेते हुये जीपीए ने नगर मजिस्ट्रेट को छात्र की शिक्षा वंचित करने और पैरेंट की पीड़ा से अवगत कराया जिस पर नगर मजिस्ट्रेट ने शिकायत पत्र पर स्कूल की प्रधानचार्य को बच्चे की शिक्षा जारी करने के निर्देश दिए गए है ।
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