सूर्या बुलेटिन : उत्तर प्रदेश की सियासत में इस समय सबसे अधिक चर्चा अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच कड़वाहट की है। विधानसभा चुनाव के बाद चाचा-भतीजे में दूरी इतनी बढ़ गई कि एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। चर्चा है कि शिवपाल जल्द ही आजम खान के साथ मिलकर एक ऐसे मोर्चे का गठन कर सकते हैं, जिससे अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ सकती है। इस बीच, दोनों एक साथ नजर आए हैं। चाचा-भतीजे के एक फ्रेम में कैद होने के बाद इन तस्वीरों पर खूब चर्चा हो रही है।
दरअसल, दोनों नेता उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के भतीजे की शादी में पहुंचे थे। दोनों वैवाहिक कार्यक्रम में आसपास बैठे नजर आए। हालांकि, न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया है कि इस दौरान दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। माना जा रहा है कि दोनों के बीच कड़वाहट अब भी बरकरार है।
वैसे तो इस तरह किसी शादी समारोह में नेताओं के बीच अनौपचारिक मुलाकात सामान्य बात है, लेकिन जिस तरह की कड़वाहट के बीच दोनों एक दूसरे के साथ बैठे नजर आए, उसने लोगों का ध्यान जरूर खींचा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस तस्वीर से कोई सियासी मायने तलाशना ठीक नहीं है।
तस्वीर की चर्चा इसलिए भी अधिक हो रही है, क्योंकि हाल ही में अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि जो बीजेपी से मिल गया है वह सपा में नहीं रह सकता है। वहीं, शिवपाल भी भतीजे पर अपमानित करने का आरोप लगा चुके हैं। शिवपाल ने कहा था कि जिन्हें उन्होंने चलना सिखाया वही उन्हें रौंदता रहा। शिवपाल यादव विधानसभा चुनाव के समय से ही खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
चर्चा थी कि शिवपाल भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, सीतापुर जेल में जाकर आजम खान से मुलाकात और फिर उनको लेकर जिस तरह वह सहानुभूति जता रहे हैं, उससे अटकलें लगने लगीं कि वह दिग्गज मुस्लिम नेता के साथ मिलकर कोई नया मोर्चा बना सकते हैं, जिससे सपा के ‘एमवाई’ समीकरण में सेंध लग सकती है।