सूर्या बुलेटिन : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ‘‘भड़काऊ टिप्पणी’’ करने के आरोपी बरेली जिले से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य शहजिल इस्लाम से मंगलवार को मुलाकात करने गए समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रतिनिधिमंडल से वह नहीं मिले.
पार्टी के विधान परिषद सदस्य संजय लाठर के नेतृत्व में एसपी के प्रतिनिधिमंडल ने उनके पेट्रोल पंप पर इस्लाम का इंतजार किया और बाद में यहां उनके आवास पर जाकर भोजीपुरा विधायक के घर को बंद पाया और उनसे मिले बिना वापस लौटना पड़ा.
समाजवादी पार्टी के एक अन्य विधायक रविदास मेहरोत्रा से रविवार को सीतापुर जिला जेल में बंद पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के नहीं मिलने के कारण यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण हो गया है. हालांकि कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आजम खान से मुलाकात की थी.
हाल ही में राज्य सरकार की कार्रवाई पर चुप रहने के लिए एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुस्लिम नेताओं के नाखुश होने के रूप में देखा जा रहा हैं, और राजनीतिक हलकों में इस बात के कयास लगने लगे हैं कि शायद आजम के बाद अब शहजिल भी नाराज हैं. अखिलेश द्वारा बरेली में शहजिल इस्लाम से मिलने के लिए गठित एसपी प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, क्योंकि इस्लाम परिवार के किसी सदस्य ने उनसे मुलाकात नहीं की और दूरी बनाकर रखी.
प्रतिनिधि मंडल के सामने विधायक ही नहीं उनके परिवार से भी कोई मिलने नहीं आया. इस्लाम का फोन बंद है और यहां तक कि उनके पड़ोसियों को भी उनके ठिकाने की जानकारी नहीं है.
तीसरी बार विधायक बने इस्लाम के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह और उनका परिवार प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ और कार्रवाई करने के डर से एसपी प्रतिनिधिमंडल से दूर रहा.
बरेली की एक जिला अदालत ने मुख्यमंत्री को कथित धमकी देने और उनके खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के मामले में पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में इस्लाम की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी थी.
एसपी के वरिष्ठ विधायक आजम खान द्वारा पार्टी विधायक और खुद को अखिलेश का दूत होने का दावा करने वाले रविदास मेहरोत्रा से मिलने से इनकार करने और के बाद मंगलवार का इस्लाम का यह घटनाक्रम अखिलेश की परेशानी को और बढ़ा सकता है.
यूपी विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता संजय लाठर ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार ने आतंक और दहशत फैलाने के लिए, विपक्ष की आवाज दबाने के लिए एसपी विधायक शहजिल इस्लाम का पेट्रोल पंप नियमों के विरुद्ध तोड़ा है.
उन्होंने कहा कि बरेली में बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की तानाशाही चल रही है और अवैध अस्पताल, कालेज, बड़े बड़े प्रतिष्ठान प्राधिकरण के संरक्षण में चल रहे हैं. एसपी विधायक शहजिल इस्लाम उनके पिता और पूर्व विधायक इस्लाम साबिर समेत उनके परिवार का कोई भी सदस्य एसपी प्रतिनिधि मंडल से नहीं मिला.
इस्लाम से मिलने में नाकामयाब होने के बाद यूपी विधान परिषद में विपक्ष के नेता लाठर ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि इस्लाम उनसे मिलने में विफल रहे क्योंकि योगी आदित्यनाथ सरकार ‘लोगों को डराना‘ चाहती है.
लाठर ने पत्रकारों को बताया कि विधायक शहजिल इस्लाम पारवारिक कारणों से प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले सके. उन्होंने कहा कि योगी सरकार लोगों को डराकर दहशत में रखना चाहती है, इसलिए बुल्डोजर चला रही है, पहला पत्थर वो मारे जिसने पाप न किया हो.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आतंक और दहशत फैला रही है और हम इस मामले को सदन में पुरजोर तरीके से उठाएंगे.
मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता संजय लाठर के नेतृत्व में 12 सदस्यों का दल बरेली के एसपी विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ मुकदमा दायर होने और कथित रूप से अवैध तरीके से पेट्रोल पम्प ढहाये जाने की जांच करने बरेली आया था.
प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान से भी मिला और पेट्रोल पम्प गिराने के मामले में एक ज्ञापन भी दिया.
विधायक शहजिल इस्लाम ने गत दो अप्रैल को पार्टी के जिला उपाध्यक्ष संजीव सक्सेना की ओर से आयोजित अपने सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी की थी. इस मामले में उनके खिलाफ चार अप्रैल को मुकदमा दर्ज किया गया था.
इस्लाम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर उनके (योगी के) मुंह से आवाज निकलेगी तो हमारी (सपा की) भी बंदूकों से धुआं नहीं, बल्कि गोलियां निकलेंगी. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए एक समाचार चैनल पर अपने बयान को संपादित करके जारी करने का आरोप लगाया है.
बाद में ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए, इस्लाम ने कहा था, ‘एक समाचार चैनल ने मेरे वीडियो को संपादित किया और फिर वायरल कर दिया. कार्यक्रम में मैंने कहा था कि एक मजबूत विपक्ष होने के नाते हर बात का जवाब मजबूती से देंगे, (उसी तरीके से) जिस तरीके से बंदूक से धुआं नहीं गोलियां निकलती हैं.’