कालीचरण को 94 दिनों के बाद रायपुर की जेल से शाम 7.30 बजे रिहा किया गया। उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और रायपुर पुलिस ने 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया था।
सूर्या बुलेटिन : महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में फंसे कालीचरण को मंगलवार शाम रिहा कर दिया गया। 94 दिनों के बाद रायपुर की जेल से शाम 7.30 बजे रिहा किया गया। उनके समर्थक बड़ी संख्या में जेल के बाहर मौजूद थे। वहां से वह मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे विमान से इंदौर आया। इंदौर एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
इंदौर पहुंचकर उन्होंने कहा कि मैं काली माता का भक्त हूं और काली माता का कार्यकर्ता रहूंगा। महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे अपनी कही गई बातों पर कोई पछतावा नहीं है। इस देश में कलियुग में सच बोलना ही सजा है। एयरपोर्ट से निकलने के बाद कालीचरण ने विजय नगर स्थित काली मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। गौरतलब है कि कालीचरण के खिलाफ रायपुर ही नहीं बल्कि अकोला, पुणे और ठाणे में भी मामले दर्ज किए गए थे। रायपुर जेल से छूटने के बाद भी उन्होंने वहां काली माता की पूजा की।
जानें पूरा मामला
टिकरापारा क्षेत्र में 25 व 26 दिसंबर को दो दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इस धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद कालीचरण पर टिकरापारा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कालीचरण वहां से भाग गया, जिसे रायपुर पुलिस ने 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया था। कालीचरण को 1 अप्रैल को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन दस्तावेजों के कारण रिहाई टाल दी गई थी। गौरतलब है कि कालीचरण के खिलाफ रायपुर ही नहीं बल्कि अकोला, पुणे और ठाणे में भी मामले दर्ज किए गए थे।