सूर्या बुलेटिन : आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने दलित चेहरे पर दाव खेला है. समाजवादी पार्टी (SP) ने यहां से सुशील आनंद को अपना उम्मीदवार बनाया है. ध्यान देने वाली बात है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव को पहले राज्यसभा का उम्मीदवार बना रहे थे. फिर अचानक डिंपल यादव के नाम की चर्चा आजमगढ़ लोकसभ सीट पर उपचुनाव के लिए होने लगी. इधर अखिलेश ने राज्यसभा और लोकसभा दोनों चुनाव में परिवार की बजाय समीकरणों को तवज्जो दी है.
पार्टी ने बामसेफ के संस्थापक सदस्यों में रहे बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद को आजमगढ़ से लोकसभा उपचुनाव का टिकट दिया है. बलिहारी बाबू ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी. वे लंबे समय तक बामसेफ और फिर बसपा के साथ रहे थे, लेकिन कोरोना में उनकी मृत्यु हो गई थी. चूंकि इस सीट पर बसपा ने अपना पूरा जोर मुस्लिम चेहरे गुड्डू जमाली पर लगाया है. ऐसे में समाजवादी पार्टी ने इसे देखते हुए दलित दांव खेला है.
विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव की तमाम चुनावी रणनीति में से एक सबसे अहम रणनीति थी मायावती के दलित वोट बैंक में सेधमारी. इसके लिए अखिलेश यादव ने ‘समाजवादी बाबा साहब वाहिनी’ बनाकर इसकी कमान बीएसपी (BSP) के एक पूर्व दिग्गज नेता को सौंप दी थी.